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केंद्रीय मंत्रिमंडल में लव-कुश कार्ड खेलेगें नीतीश कुमार, जानिये कौन बनेगा मंत्री

कुर्मी समुदाय से RCP और कुशवाहा को भेजने की तैयारी, BJP से सुशील मोदी का मंत्री बनना तय.

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सिटी पोस्ट लाइव : मानसून सत्र के पहले मोदी  मंत्रिमंडल के होनेवाले विस्तार को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है.एक तरफ एलजेपी में बड़ी टूट हो गई है वहीं JDU इसबार मंत्रिमंडल विस्तार में जगह पाने को बेताब है. केंद्र में बिहार की हिस्सेदारी को लेकर JDU ने भी अपना दावा ठोका है. पिछली बार वाजिब हिस्सेदारी को लेकर JDU केंद्र की सरकार में शामिल नहीं हुआ था, लेकिन जिस तरह से BJP ने हाल में बंगाल चुनाव में मात खाई और आने वाले साल में यूपी में चुनाव हैं, ऐसे में अब BJP अपने सहयोगी दलों को नाराज करने का कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है.

बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील मोदी को कैबिनेट में जगह मिलना तय है. JDU यदि केंद्र में शामिल होता है तो 2 कैबिनेट और एक राज्य मंत्री के साथ जाएगा. बिहार के राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार में CM नीतीश कुमार लव-कुश (कुर्मी-कोइरी) कार्ड के तहत कुर्मी समाज से आने वाले राज्यसभा सांसद RCP सिंह को कैबिनेट और कोइरी (कुशवाहा) समाज से आने वाले पूर्णिया सांसद संतोष कुशवाहा को राज्यमंत्री बनाने की मांग कर सकते हैं.लालू यादव से अलग होने के बाद साल 1995 में नीतीश कुमार ने इन दोनों जातियों की एक बड़ी रैली पटना के गांधी मैदान में की थी, जिसमें इन्हें एकसाथ लाने के लिए ‘लव-कुश’ नाम दिया था. अगड़ी जाति से मुंगेर के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन को कैबिनेट मंत्री के तौर पर भेजा जाएगा.

JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह ने शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर अपनी हामी भरी तो आज प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि हम NDA के अंग हैं, निश्चित तौर पर हमारी हिस्सेदारी बनती है. JDU की तरफ से कितने मंत्री होंगे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- यह हमारे नेता तय करेंगे. BJP की तरफ से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि जदयू बिलकुल NDA का एक मजबूत अंग है. इन्हें केंद्र की सरकार में शामिल भी होना चाहिए. JDU कितने मंत्रियों के साथ केंद्र में शामिल होगा, यह केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा.

JDU के 16 सांसद हैं और ऐसे में संख्याबल के आधार पर दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री का दावा बनता है.हालांकि भाजपा 2019 में अकेले पूर्ण बहुमत में थी. 303 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. ऐसे में जो उसके घटक दल थे, उसे प्रतीकात्मक हिस्सेदारी दी गई थी.तब JDU ने केंद्र की सरकार में शामिल होने से मना कर दिया था. बिहार के CM नीतीश कुमार ने कहा था कि जब तक हमें संख्यात्मक हिस्सेदारी नहीं मिलेगी, तब तक हम केंद्र की सरकार में शामिल नहीं होंगे.

इस मंत्रिमंडल विस्तार में लालू इफेक्ट भी दिखेगा। लालू यादव के जेल से बेल मिलने के बाद जिस तरह से NDA के अंदर बेचैनी है, उसके बाद उम्मीद यह जताई जा रही है कि किसी एक और यादव नेता तो केंद्रीय मंत्रिमंडल में भेजा जा सकता है. हालांकि, पहले से नित्यानंद राय गृह राज्य मंत्री हैं. लेकिन, लालू यादव के इफेक्ट को कम करने लिए उनके ही सहयोगी रहे राम कृपाल यादव को केंद्र में एक बार फिर भेजा जा सकता है.

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