मोदी कैबिनेट से बाहर रही जेडीयू, विपक्ष बोला-‘बीजेपी के साथ असहज हैंं नीतीश’
सिटी पोस्ट लाइवः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैबिनेट से बाहर रहने के जेडीयू के फैसले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। विपक्ष तंज कस रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि मोदी कैबिनेट में जेडीयू का शामिल न होना शपथ ग्रहण में ग्रहण लगने जैसा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है इससे यह स्पष्ट है कि वे बीजेपी के साथ असहज हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी का व्यवहार नीतीश के प्रति ठीक नहीं है, जेडीयू को कम करके आंका गया और यह भाजपा के अहंकार को दर्शाता है।
मोदी सरकार 2.0 की कैबिनेट में जेडीयू ने शामिल होने से इनकार कर दिया. सीएम नीतीश कुमार ने साफ किया कि उन्हें सांकेतिक भागीदारी को कहा गया था, जिसे जेडीयू नेताओं ने नहीं माना और सरकार से बाहर रहने का फैसला किया. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए में उनकी पार्टी काफी मजबूती से है और बिहार में साथ सरकार भी चला रहे हैं. जाहिर है सरकार से बाहर रहने की जेडीयू की अपनी वजहें हैं, लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है.
आपको बता दें कि कल पूरे दिन यह खबर चलती रही कि जेडीयू कोटे से दो या तीन मंत्री मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। आरसीपी सिंह, ललन सिंह और संतोष कुशवाहा का नाम खूब चर्चा में रहा। बाद में शाम होते-होते यह स्पष्ट हो गया कि जेडीयू केन्द्र सरकार में शामिल नहीं हो रही है वो सरकार को बाहर से समर्थन देगी, नीतीश कुमार ने बकायदा इसका एलान किया कि हमें सरकार में सांकेतिक हिस्सेदारी नहीं चाहिए। दरअसल बीजेपी ने अपने सभी सहयोगी दलों को एक-एक मंत्री पद दिया है और जेडीयू को भी यही हिस्सेदारी देना चाहती थी।
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