सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के नियोजित शिक्षकों को मनचाहा वरदान आखिरकार मिल ही गया.ढाई महीने तक हड़ताल पर रहनेवाले शिक्षकों को बिहार सरकार ने बहुत बड़ी राहत दे दी है.शिक्षा विभाग ने हड़ताल के दौरान निलंबित नियोजित शिक्षकों का निलंबन वापस करने का भी निर्णय लिया है ।इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने इसके पहले लॉक डाउन के दौरान हड़ताल अवधि का वेतन रिलीज करने का आदेश दिया था.
शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा है कि हड़ताल अवधि में शिक्षकों एवं पुस्तकालय अध्यक्षों पर सरकार के द्वारा की गई अनुशासनिक कार्रवाई जिसमें निलंबन व प्राथमिकी (तोड़फोड़ एवं हिंसा) को छोड़कर प्रक्रिया का पालन करते हुए वापस लेने की कार्रवाई का निर्णय लिया गया है. निलंबित नियोजित शिक्षकों के संदर्भ में निलंबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्यवाही से मुक्त करने की अनुशंसा जिलों के शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा संबंधित नियोजन इकाई से की जाएगी. नियोजन इकाई के द्वारा प्राप्त अनुशंसा के आलोक में आदेश निर्गत किए जाएंगे. जिन शिक्षकों का निलंबन जिला शिक्षा पदाधिकारी अथवा निदेशक माध्यमिक शिक्षक के द्वारा किया गया हो के संदर्भ में उनके द्वारा समीक्षा के बाद निलंबन को समाप्त करते हुए विभागीय कार्यवाही से मुक्त करने की कार्यवाही की जाएगी.
निलंबन अवधि के लिए नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान किया जाएगा एवं विभागीय कार्यवाही से मुक्त होने के बाद 25 मार्च 2020 से निलंबन मुक्त होने की अवधि के लिए पूर्ण वेतन में जीवन निर्वाह भत्ता की राशि को घटाकर शेष राशि का भुगतान किया जाएगा. हड़ताल की अवधि में जिन शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई थी अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करना होगा. अपील पर अपीलीय प्राधिकार को समीक्षा करते हुए सेवा में वापसी के आदेश पर निर्णय लेना आवश्यक होगा. सेवा समाप्ति की तिथि एवं सेवा में वापस होने की तिथि के बीच की अवधि को सेवा में नहीं मानते हुए इस अवधि के लिए उपार्जित अवकाश स्वीकृत किया जाएगा.
शिक्षक संघ के नेता केदारनाथ पाण्डेय ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए.शिक्षक समाज को गढ़ते हैं, समाज को हर सकत से बचाने के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं.सरकार के हर कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी अहम् भूमिका होती है.अगर ये शिक्षक ही बदहाल रहेगें तो कोई युवा आगे से शिक्षा के क्षेत्र में आने से कतरायेगा.
Comments are closed.