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नितिन गडकरी का बड़ा बयान- जाति नहीं गरीबी होना चाहिए आरक्षण का आधार

आरक्षण पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकारी भर्ती रूकी हुई है, नौकरियां कहां हैं?

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सिटी पोस्ट लाइव: महाराष्ट्र में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदायों का पिछले कुछ दिनों से आंदोलन जारी है. औरंगाबाद, पुणे, नासिक और नवी मुंबई में आंदोलन हिंसक भी हुआ. जहां दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. आरक्षण की मांग को लेकर अब तक कम से कम सात लोग  खुदकुशी कर चुके हैं.लेकिन इस बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरक्षण पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आरक्षण रोजगार देने की गारंटी नहीं है क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं. गडकरी ने कहा कि एक ‘‘सोच’’ है जो चाहती है कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आरक्षण देने भर से क्या होनेवाला है जब नौकरियां ही नहीं हैं.उन्होंने कहा कि बैंक में आईटी के कारण नौकरियां कम हुई हैं. सरकारी भर्ती रूकी हुई है. नौकरियां कहां हैं?’ उन्होंने कहा कि जाति के आधार पर नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर आरक्षण देने की जरूरत है क्योंकि गरीब की जाति, भाषा और क्षेत्र नहीं होती है.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्होंने कहा कि ‘एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है, उसकी कोई जाति, पंथ या भाषा नहीं होती. उसका कोई भी धर्म हो, मुस्लिम, हिन्दू या मराठा  सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है, खाने के लिए भोजन नहीं है.

गौरतलब है कि शनिवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरक्षण को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आरक्षण को समाप्त करने का दम किसी में नहीं है.उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि आरक्षण को बचाने के इए वो हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. जाहिर है नीतीश कुमार ने इशारों ईशारों में बीजेपी को ही चेतावनी दी है. इस बीच नितिन गडकरी या ये बयान कि आरक्षण का आधार जाति  नहीं गरीबी होना चाहिए, बहुत बड़ा विवाद पैदा हो सकता है. विपक्ष इसे आरक्षण को समाप्त करने की बीजेपी की सोंच या तैयारी बताकर मामले को तूल दे सकता है.

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