सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना लॉक डाउन की वजह से राजस्व संग्रह में अप्रत्याशित कमी आई है.लगभग 82 फीसदी राजस्व में कमी आई है.अब हम पार्टी के नेता और शुरू से ही शराबबंदी की मुखालफत करनेवाले हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी के विधान पार्षद बेटे संतोष मांझी ने आर्थिक संकट दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी ख़त्म करने की सलाह दी है. संतोष मांझी को राज्य में लगातार घट रहे राजस्व की चिंता सता रही है. उन्होंने सीएम नीतीश से शराबबंदी पर पुनर्विचार का आग्रह किया है.
एमएलसी संतोष मांझी का कहना है की भारी संख्या में प्रवासी मजदूर बिहार आ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ राजस्व घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है.इस स्थिति में सीएम नीतीश कुमार को एक बार फिर से शराब की बिक्री शुरू करने पर विचार करना चाहिए ताकि सरकार को हो रहे आर्थिक नुकसान की भरपाई की जा सके. 2019 के बजट में भी शराबबंदी की वजह से राजस्व का भारी नुकसान दिखाया गया है. आज देश सहित कई सारे राज्य भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं. लॉक डाउन में सारे उद्योग धंधे ठप्प पड़ गए हैं.
बिहार सरकार को भी काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है. दूसरी तरफ बिहार से बाहर कमाने वाले लोग भी अपने घर वापस आ रहे हैं. इसलिए भविष्य में बिहार को विकास की पटरी पर सुगमता से दौड़ाने के लिए सीएम नीतीश कुमार को शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करना चाहिए.
संतोष मांझी का कहना है कि शराबबंदी से 7 से 8 हजार करोड़ रुपए का नुकशान हो रहा है. शराब की कीमत बढ़ाकर दस हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया जा सकता है.वैसे संतोष मांझी के पिता जीतन राम मांझी तो शुरू से ही शराबबंदी ख़त्म किये जाने की मांग करते रहे हैं. कभी वो अपने समाज द्वारा पूजा पाठ में शराब के इस्तेमाल की परंपरा की दुहाई देते हैं तो कभी राजस्व के नुकशान का.
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