अभी बिहार में बीजेपी के 23, एलजेपी के 6 और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के 3 सांसद और जेडीयू के पास केवल 2 सांसद ही हैं. अगर सभी सहयोगे दल अपनी सिटिंग सीटों पर लड़ने की जीद पर अड़े रहते हैं तो जेडीयू के लिए केवल 8 सीटें ही मिल पाएगीं.लेकिन उसकी मांग है 25 सीटें,जो देना बीजेपी के लिए असंभव है.
सिटी पोस्ट लाइव :आज गुरुवार को पटना में एनडीए की अहम् बैठक है. बैठक में नीतीश कुमार, सुशील मोदी, रामविलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा सहित गठबंधन की चारों पार्टियों के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे.उप-चुनावों में मिली असफलता के बाद हार की समीक्षा और अभी से सीटों के बंटवारे को लेकर उठ रही मांग के बाद यह बैठक आयोजित की जा रही है.जेडीयू ,एलजेपी और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी अभी से सीटों के बटवारे के लिए बीजेपी पर दबाव बना शुरू कर दिया है.नीतीश कुमार और उपेन्द्र कुशवाहा को और ज्यादा सीटें चाहिए और पासवान किसी भी कीमत पर अपनी सिटींग सीटें छोड़ने को तैयार नहीं हैं.बुधवार को एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस ने कहा है कि जिन सीटों पर पार्टी की जीत हुई थी, उन पर समझौता नहीं करेंगे.
जेडीयू ने राज्य में बड़े भाई की भूमिका निभाने और ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर पहले से ही घटक दलों के बीच तल्खी बढ़ा दी है.जेडीयू सांसद पवन वर्मा ने कहा था कि लोकसभा हो या राज्यसभा चुनाव, बिहार में नीतीश कुमार ही गठबंधन का चेहरा होंगे. उन्होंने एनडीए-1 के फार्मूले की तर्ज पर सीटों की मांग भी कर दी है.गौरतलब है कि इस फोर्मुले के तहत जेडीयू 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सहयोगी दलों की मौजूदा मांग ऐसा है जिसे पूरा करना आसान नहीं होगा बीजेपी के लिए . बिहार में लोकसभा की कुल सीटें 40 हैं .जेडीयू का दावा 25,एलजेपी का दावा 7 और रालोसपा का दावा 4 सीटों पर है . अगर सहयोगी दलों की मांग वह मान ले तो उसे अपनी 22 सिटिंग सीटों में से 18 सीटें छोड़नी पड़ेगी,जो बिलकुल संभव नहीं दीखता..
अभी बिहार में बीजेपी के 23, एलजेपी के 6 और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी के 3 सांसद और जेडीयू के पास केवल 2 सांसद ही हैं. अगर सभी सहयोगे दल अपनी सिटिंग सीटों पर लड़ने की जीद पर अड़े रहते हैं तो जेडीयू के लिए केवल 8 सीटें ही मिल पाएगीं.लेकिन उसकी मांग है 25 सीटें,जो देना बीजेपी के लिए असंभव है.
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