जोकीहाट विधान सभा उप-चुनाव में करारी हार और पुरे देश में एनडीऐ को मिली असफ़लता के बाद घटक दलों की चिंता बढ़ गई है.आज रविवार को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पार्टी कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ अपने आवास पर मंत्रणा कर रहे हैं. दूसरी ओर एलजेपी सुप्रीमो रामविलास पासवान ने भी दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की.जेडीयू की बैठक और पासवान की दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष के साथ मुलाक़ात के अहम् राजनीतक मायने निकाले जा रहे हैं.
जेडीयू की बैठक में राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी और राज्यसभा सांसद पवन वर्मा भी शामिल हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर समीक्षा के साथ-साथ पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. पार्टी ने बिहार के बाहर विस्तार का अभियान आरंभ किया है जिसके ऊपर बैठक में भी चर्चा होगी. समीक्षा के दायरे में जोकीहाट उपचुनाव भी रहेगा.
पार्टी नेताओं का कहना है कि यह रूटीन मामला है .पार्टी अपनी ऐसी आंतरिक बैठकें समय-समय पर आयोजित करती रहती है. इस संबंध में पूछे जाने पर राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने कहा कि यह एक सामान्य बैठक है जिसमे पार्टी की नीतियों और रणनीतियों पर चर्चा होगी.लेकिन जानकारों का कहना है कि जिस तरह से नीतीश कुमार,पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा के आक्रामक बयान जोकीहाट चुनाव के बाद आये हैं ,इसे सामान्य बैठक नहीं माना जा सकता.
उपचुनावों में लगातार अपने उम्मीदवारों की हार के बाद एनडीए में शामिल दलों के नेताओं की टिप्पनियां काफी तल्ख हो गई हैं.जोकीहाट में जदयू उम्मीद्वार की हार के बाद जुबानी जंग तेज हो गए हैं. घटक दल तालमेल की कमी और गठबंधन की रणनीतियों पर सवाल उठाने लगे हैं.इस बढ़ते दबाव का ही नतीजा है कि सात जून को पटना के ज्ञान भवन में एनडीए महासम्मेलन बुलाया गया है. इससे पहले ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का पार्टी नेताओं के साथ मंत्रणा करना और पासवान का अमित शाह से मिलाना ख़ास मायने रखता है.हालांकि 40 मिनट की मुलाकात के बाद रामविलास ने बताया कि उन्होंने मुख्यतः एससी-एसटी एक्ट के लिए ऑर्डिनेंस लाने का, प्रमोशन में आरक्षण देने और बिहार को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर बातचीत की .
इधर उपचुनाव में एनडीए का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है. जोकीहाट चुनाव में जदयू की हार के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने शुक्रवार को कहा कि बीजेपी को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ेगा. जब जमीन पर काम नहीं होगा तो हमें हमारे एजेंडे पर पुनर्विचार करना होगा. नये सिरे से अपनी रणनीति बनानी होगी. उन्होंने संवादहीनता का आरोप भी लगाया था. दूसरी ओर एनडीए के घटक दल रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को चुनाव से पहले ही घटक दलों को सीटें बाँट दिए जाने की मांग कर दी है.उन्होंने कहा कि समय आने से पहले यह तय हो कि कौन सी पार्टी अगले चुनाव में कितनी सीटों पर लड़ेगी. उपचुनाव में एनडीए उम्मदवारों को लगातार मिल रही हार पर चिंता जताते हुए उन्होंने तत्काल एनडीए की बैठक बुलाने की मांग कर दी थी.
Comments are closed.