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मुकेश सहनी ने तेजस्वी यादव पर जमकर साधा निशाना, कहा-अंधेरे में रखकर पीठ में घोंपा छुरा

भविष्य में तेजस्वी के साथ राजनीति मंजूर नहीं, तेजप्रताप के बारे में सोच सकता हूं

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा चुनाव के दौरान महागठबंधन से बाहर होने के बाद आज विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर अंधेरे में रख पीठ पर छुरा घोंपने का आरोप लगाया. पटना के होटल मौर्या में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान तेजस्वी के कथनी और करनी पर भी सवाल खड़े किये और कहा कि जब बात सीटों की हो चुकी थी, तब उन्हें इसकी घोषणा करने में दिक्कत क्यों हुई, जबकि दो दिन पहले उनके पास आई पार्टी के सीटों की घोषणा करने में देर नहीं की. सहनी ने साफ़-साफ कह दिया कि वे भविष्य में कभी तेजस्वी यादव के साथ राजनीति नहीं करेंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हम अपनी शर्तों पर चुनाव लड़ेंगे. अभी कुछ लोगों से बात चल रही है. फिलहाल हमने पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ विमर्श के बाद 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. प्रथम सूची की घोषणा 05 अक्टूबर को जारी की जाएगी.

इससे पहले मुकेश सहनी ने तेजस्वी पर ताबड़तोड़ कई आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी के विचारों से प्रभावित होकर हमने उनसे समझौता किया था और महागठबंधन में शामिल हुआ था. पर अब राजद, लालू प्रसाद यादव जी की पार्टी नहीं रह गई है. तेजस्वी ने हमें लोकसभा चुनाव में भी धोखा था. दरभंगा लोकसभा सीट पर वार्ता हुई थी, लेकिन एक साजिश के तहत हमें खगड़िया लोकसभा सीट से चुनाव लड़न पर मबबूर किया गया. विधानसभा उपचुनाव में भी हमारे साथ छल किया गया, हर मामले में अपनी मनमर्जी करते रहे. हमेशा हमें नजरअंदाज किया गया. जो व्यक्ति एक पार्टी/महागठबंधन को बरकरार नहीं रख सकता है वह बिहार कैसे संभालेगा?

सहनी ने कहा कि हमने हमेशा महागठबंधन को मजबूत करने का काम किया. महागठबंधन के सभी घटक दल कोआर्डिनेशन कमिटी की मांग करते रहे, फिर भी कोआर्डिनेशन कमिटी का गठन नही किया गया. नतीजा, दलितों के नेता जीतनराम मांझी जी एवं पिछड़ा समाज का बेटा उपेन्द्र कुशवाहा जी को मजबूरन महागठबंधन से अलग होना पड़ा. राष्ट्रीय स्तर की पार्टी कांग्रेस को 70 सीट देने की बात पहले हुई थी, लेकिन उनके साथ भी 58 सीट के साथ ब्लैकमेल किया जा रहा था. लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता के दबाव पर 70 सीट दिया गया. हमारे साथ 25 सीट एवं उपमुख्यमंत्री का वादा करके अंधेरे में रखकर अंतिम समय में पीठ में छुरा घोंपने का काम किया. इसका बदला अति पिछड़ा समाज बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में लेगी.

सहनी ने कहा कि हमारा जीवन संघर्ष भरा रहा है. कई लोगों ने हमारे साथ धोखा किया, लेकिन फिर भी आगे बढ़ता रहा. मुंबई के एशोआराम को छोड़ कर अपने समाज के लिए खुद के दम पर हम राजनीति में समाज की भलाई के लिए आये. अपने लिए कोई चाह नहीं. उन्होंने कहा कि हम अपने दम पर सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा उपचुनाव में 26 हजार वोट लाए, जिसके कारण राजद की जीत हुई. उसी समय से रणनीति के तहत मेरे साथ छल किया जा रहा था. जो व्यक्ति अपने बड़े भाई तेजप्रताप का नही हुआ, वह व्यक्ति बिहार के युवाओं का कैसे हो सकता है.

बिहार के तमाम उभरते हुए युवा नेता को तेजस्वी देखना नहीं चाहते है. क्योंकि तेज तर्रार, युवा नेता से तेजस्वी को एलर्जी एवं डर है. लोकसभा चुनाव में CPI (M) को महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया क्योंकि कन्हैया को टिकट देना पड़ता और कन्हैया अगर जाता तो तेजस्वी के लिए खतरा था. उन्होंने कहा कि पिछड़ा समाज अब पिछलग्गू बनकर नही रहेगा. आगे उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज का बेटा जहाँ से भी किसी अन्य प्रमुख दल से चुनाव लड़ेगा तो वहां से VIP अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा. उन्होंने अंत में कहा की याचना नही अब रण होगा संघर्ष महा भीषण होगा.

संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता राजीव मिश्रा, बिहार प्रभारी संतोष कुशवाहा, सवर्ण मोर्चा के अध्यक्ष विकास सिंह, मुकेश निषाद, निषाद विकास संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौहान, युवा मोर्चा के अध्यक्ष गौतम बिन्द, छात्र मोर्चा के विकास बॉक्सर, डॉ विश्वनाथ प्रसाद यादव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राज भूषण चौधरी, निर्मला सहनी उपस्थित थे.

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