रोहतास : उपेंद्र कुशवाहा से पहले ही RLSP के कई नेता, कार्यकर्ताओं ने थामा RJD का दामन
सिटी पोस्ट लाइव : डेहरी विधानसभा 212 से विधायक इलियास हुसैन की सदस्यता रद्द होते ही विधानसभा क्षेत्र में राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई है. इसी कड़ी में कभी RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के करीबी माने जाने वाले नेता फतेह बाहदुर कुशवाहा ने अपने सहयोगियों के साथ राजद में जाने का फैसला कर लिया है. शुक्रवार को राजद मिलन समारोह जो कि पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित है. वहां वे अपने पूरे दल बल के साथ राजद जॉइन करेंगे. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में चल रहे उठा पटक के बाद रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के संसदीय क्षेत्र काराकाट में भी उथल-पुथल शुरू हो गई है. गठबंधन को लेकर संशय बनाए रखने तथा अपना रुख साफ नहीं करने का आरोप लगाते हुए अब काराकाट लोकसभा क्षेत्र के रालोसपा कार्यकर्ता महागठबंधन का रुख करने लगे हैं.
वहीं काराकाट क्षेत्र के रालोसपा नेता तथा उपेंद्र कुशवाहा के सहयोगी रहे फतेह बहादुर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ आरएलएसपी छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने 23 नवंबर को पटना में आरजेडी में शामिल होने की तैयारी शुरू कर दी है. उपेंद्र कुशवाहा के रुख से नाराज आरएलएसपी के कार्यकर्ताओं ने आपस में बैठक कर 23 नवंबर को पटना में आरजेडी में शामिल होकर महागठबंधन का अंग बनने की घोषणा भी कर दी है. वहीं कई RLSP के नेता भी राजद का दामन थाम सकते हैं.
बता दें केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के बदले रुख से कुशवाहा की मुसीबत और बढ़ सकती है, क्योंकि पहले ही आरएलएसपी के दोनों विधायक उपेंद्र कुशवाहा से दूरी बना चुके हैं. एक सांसद अरुण कुमार भी अलग पार्टी बनाकर काम कर रहे हैं .अब मामला दिलचस्प होता दिख रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा अब अपने ही संसदीय क्षेत्र में अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बागी सुर से कैसे निपटते हैं. वही उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में आयोजित कार्यकारिणी बैठक के बाद घोषणा की है कि वे 30 नवंबर तक एनडीए में सीट शेयरिंग का इंतजार करेंगे. उसके बाद वह फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. लेकिन इससे पूर्व ही काराकाट संसदीय क्षेत्र के पार्टी वर्कर ने फैसला ले लिया और कल शुक्रवार को पटना में अधिक से अधिक संख्या में रालोसपा वर्कर आरजेडी में शामिल हो जाएंगे.
रालोसपा प्रमुख से नाराज फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि कुशवाहा अपने वादे पर खरे उतरने में विफल रहे हैं तथा कार्यकर्ताओं के भविष्य की जरा भी उन्हें फ़िक्र नहीं है. प्रधानमंत्री ने जनता से कई वादे किये थे, लेकिन वे अपने किसी भी वादे पर खरे नही उतरे. अब हम अपने समर्थकों के साथ राजद में शामिल हो कर महागठबंधन को मजबूती प्रदान करंगे. साथ ही आने वाले लोकसभा चुनाव में NDA को सबक सिखा देंगे कि झूठे वादे का क्या परिणाम होता है.
रोहतास से विकाश चन्दन की रिपोर्ट
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