सिटी पोस्ट लाइव: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में अपने पति का नाम सामने आने के बाद बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया .उन्होंने इस प्रेस कांफ्रेंस में यह खुलासा किया कि इस मामले में उनके पति का नाम आने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें तलब किया था .उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सच्चाई से अवगत करा दिया है. विपक्ष द्वारा अपने इस्तीफे की मांग को गलत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि एक आरोपी की पत्नी के आरोपों के आधार पर इस्तीफा मांगना कितना उचित है? उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीई कर रही है फिर उनके मंत्री पद पर बने रहने से क्या फर्क पड़ता है ?उन्होंने कहा कि जांच पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा .उन्होंने कहा कि कि अगर उनके पति के उपर लगे आरोप साबित होते हैं तो वो इस्तीफा ही नहीं देगीं बल्कि हमेशा के लिए राजनीति से सन्यास ले लेगीं.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में आज समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के बर्खास्त करने की मांग विपक्ष ने उठाया. इस पर मंजू ने कहा कि अगर मेरे और पति के उपर लगे आरोप साबित होते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगी. बालिका गृह के CPO की पत्नी पर भड़कते हुए मंजू वर्मा ने कहा कि अगर ऐसा कुछ था तो पिछले दो सालों से वो क्यों चुप थीं.गुरूवार को विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और मंत्री मंजू वर्मा की बर्खास्तगी और उनके पति की गिरफ्तारी की मांग की. मंजू वर्मा ने अपने पति पर लग रहे आरोपों के बीच कहा कि मैं और मेरे पति एक बार ही बालिका गृह में गए थे और वो भी अभिनन्दन समारोह था. मंजू ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता के मुजफ्फरपुर जाने के बाद ये बयान दिया जा रहा है.
मंजू वर्मा ने कहा कि वो पिछड़े समाज और कुशवाहा जाती से आती हैं. नीतीश सरकार की एकलौती मंत्री हैं. इसी वजह से उनको निशाना बनाया जा रहा है. मंजू वर्मा ने कहा कि जिस तरह से मेरे जैसे एक पिछड़ी जाती के नेता को प्रताड़ित किया जा रहा है, जनता इसका जबाब विपक्ष को चुनाव में जरुर देगी.उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव से मिलाने के बाद बालिका सुरक्षा गृह के बाल सुरक्षा अधिकारी की पत्नी ने गलत आरोप उनके पति पर लगाया है. उन्होंने कहा कि एक आरोपी की पत्नी के आरोपों को इतना गंभीरता से लेने का कोई मतलब नहीं है.
गौरतलब है कि गिरफ्तार सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी ने बिहार सरकार की मंत्री मंजू वर्मा के पति पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा है कि मंत्री के पति चंदेश्वर वर्मा बालिका गृह में अक्सर जाते थे और उन्हें ही बच्चियां नेताजी के नाम से जानती थीं. पीड़ित बच्चियों से लेकर सभी कर्मी के साथ ही खुद उनके पति ने कुछ माह पहले ही इस बात की जानकारी उन्हें दी थी. वर्मा बालिका सुधार गृह में अक्सर आते थे. उनके साथ कई अफसर भी रहते थे, लेकिन अफसर नीचे रहते थे और चंदेश्वर वर्मा बालिका सुधार गृह में जाते थे. उन्होंने कहा है कि उनके पति को गलत तौर से फंसाया गया है जबकि इस मामले में और भी बड़े-बड़े लोग शामिल हैं.
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