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सीट वितरण में समन्वय नहीं होने पर मांझी ने दिए महागठबंधन से बाहर होने के संकेत

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने फील्डिंग टाइट कर दी है। अनलॉक होते ही जीतन राम मांझी विभिन्न जुर्म के शिकार हुए पीड़ितों से मिलने जा रहे हैं तथा सरकार पर हमला बोल रहे हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट होते ही महागठबंधन दबाव बनानी शुरू कर दी है। शनिवार को बेगूसराय के जीरोमाइल मेंं आयोजित प्रेस वार्ता में जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन सशक्त है। लेकिन कुछ लोग इसे तोड़ने की साजिश कर रहे हैं। तेजस्वी यादव में सीएम बनने के सभी गुण हैं। वह मुख्यमंत्री बनने के लायक हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें बहकाकर इधर-उधर कर रहे हैं।

सीटों के बंटवारे में अगर पांचों दल को एक साथ बिठाकर समन्वय नहीं होगा तो यह कहना मुश्किल है कि हम महागठबंधन मेंं रहेगा।उन्होंने कहा कि बिहार की विधि व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। बेगूसराय की पुलिस अकर्मण्यता की शिकार है, यहां लाठी और गोली की सरकार चल रही है। लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने वीरपुर थाना में विक्रम पोद्दार को मार डाला और रूप दे दिया गया आत्महत्या का। सोशल मीडिया के माध्यम से छतौना के संतोष शर्मा ने जब इसका विरोध शुरू किया तो नावकोठी थाना की पुलिस ने उसकी इतनी पिटाई कर दी कि इलाज के दौरान मौत हो गई।

पिटाई एवं मौत के बीच संतोष शर्मा बेगूसराय के एक बड़े जनप्रतिनिधि का नाम लेता है। अब पुलिस उसके परिवार पर और दबाव बना रही है। विक्रम पोद्दार ने अन्य जाति की लड़की से प्रेम विवाह किया था। जिसके कारण लड़की के स्वजातीय पुलिस पदाधिकारी ने थाने में उसकी हत्या कर दी। मामला जब हाईप्रोफाइल हुआ तो सीआईडी जांच की बात कही जा रही है। लेकिन सीआईडी में भी बिहार पुलिस के अधिकारी हैं और निष्पक्ष जांच नहीं होगी। विक्रम पोद्दार और संतोष शर्मा की बिहार पुलिस ने हत्या की है। इसलिए दोनोंं मामले की सीबीआई जांंच होनी चाहिए, तभी निष्पक्ष जांच संभव है।

उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों को किसी भी धर्म, संप्रदाय, जाति में शादी करने की स्वतंत्रता दें। लेकिन यहां तो अस्पताल में इलाज नहीं होता है, अपना हक मांगने पर किसानों पर लाठी चलाई जाती है। गरीब सरकारी जमीन पर घर बनाते हैं तो तोड़ दिया जाता है, लेकिन बड़े लोगों के आलीशान बंगले को कोई छूूूता तक नहीं है। बिहार के एक करोड़ लोग देश के विभिन्न शहरों में रहते हैं, इसमें से करीब 60 लाख वापस आ गए हैं। इन्हें काम नहीं मिलेगा तो लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति और बिगड़ेगी।

लोगों को मनरेगा में काम नहीं मिल रहा है, मशीन से काम कराया जा रहा है। मस्टररोल में गड़बड़ी की जा रही है, राशन कार्ड नहीं बन रहा है। इससे पहले श्री मांझी ने हम जिलाध्यक्ष पीयूष कुमार समेत पूरी टीम के साथ पर्रा में विक्रम पोद्दार के परिजन तथा छतौना में संतोष शर्मा के परिजनों से मुलाकात कर उचित न्याय का भरोसा दिलाया। वहीं, एनटीपीसी द्वारा कराए गए लाठीचार्ज से घायल किसानों से भी मुलाकात कर हर संभव मदद की बातें कहीं।

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