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नीतीश के एक फैसले से मांझी-सहनी बेहद नाराज, थाम लेंगे RJD का हाथ?

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार विधान परिषद के 12 सीटों पर इस मनोनयन के बाद से ही एनडीए में घमाशान जारी है.नीतीश कैबिनेट में मंत्री मुकेश सहनी की अगुवाई वाले घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (एचएएम) ने इसपर गहरी नाराजगी जाहिर की है. इस मनोनयन के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तो यहां तक कह दिया है कि बड़ा फैसला लेना होगा. वीआइपी और हम ने नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा है कि गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया गया है. बिहार की राजनीति में फिर से गर्माहट शुरू हो गई है. एनडीए के कलह से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और महागठबंधन के चेहरे तेजस्वी यादव खुद को फायदे में देख रहे हैं.

आरजेडी इस बात का दावा पहले ही कर चुकी है कि होली या बंगाल चुनाव संपन्न होने के साथ ही बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय के अनुसार एनडीए की सरकार खुद के भीतरघात और कलह की वजह से गिर जाएगी. बिहार विधानसभा के अभी के समीकरण को देखें तो कुल 243 सीटों में आरजेडी की अगुवाई वाले महागठबंधन के पास 110 विधायक हैं. नीतीश की अगुवाई वाली एनडीए के पास 125 विधायक हैं. बहुमत यानी सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 122 सीटें चाहिए. यानी आरजेडी बहुमत से 12 सीट पीछे है. इस वक्त सदन में मांझी और सहनी के चार-चार विधायक हैं. जबकि, चुनाव में हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने सीमांचल से पांच सीटें जीत कर शानदार प्रदर्शन कर अपना कद बड़ा कर लिया है.ये तीनों दल महागठबंधन की सरकार बनाने का दम रखते हैं.

दरअसल, विकासशील इंसान पार्टी सुप्रीमो मुकेश सहनी चुनाव से पहले सीटों के बंटवारा न होने तक आरजेडी के साथ ही थे. लेकिन, जिस दिन सीट शेयरिंग को लेकर तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की उसी समय सहनी ने बगावत करते हुए कहा था कि अभी हमारे साथ जो हो रहा है वह कहीं न कहीं पीठ में छुरा घोंपने वाला है. मैं इस गठबंधन से बाहर जा रहा हूं. जिसके बाद वीआईपी ने एनडीए से हाथ मिला लिया और बीजेपी के कोटे से मिले 11 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ी. हालांकि, सहनी अपनी सीट हार गए.

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