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फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के सीएम, बनेगें दो डिप्टी सीएम

आदित्य ठाकरे के प्रस्ताव पर शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को चुन लिया गया नेता .

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फडणवीस होंगे महाराष्ट्र के सीएम, बनेगें दो डिप्टी सीएम

सिटी पोस्ट लाइव : महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान जारी है. बीजेपी विधायक दल ने देवेंद्र फडणवीस को अपना नेता चुन लिया है लेकिन अभीतक सरकार बनाने का रास्ता साफ़ नहीं हुआ है.. बीजेपी के सूत्र महाराष्ट्र सरकार का ब्लू प्रिंट तैयार होने का जो दावा कर रहे हैं उसके महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की साझा सरकार बनेगी. देवेंद्र फडणवीस पूरे 5 साल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे.  दो उपमुख्यमंत्री हो सकते हैं, जिनमें एक शिवसेना का होगा और एक बीजेपी का.

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए एक हफ्ते हो चुके हैं लेकिन सत्ता के लिए रस्साकशी अब तक जारी है. बीजेपी और शिवसेना के बीच अभी 50-50 फॉर्म्युले पर मामला अटका हुआ है. इस बीच शिवसेना विधायक दल की बैठक में एकनाथ शिंदे को नेता चुन लिया गया है. इसके लिए आदित्य ठाकरे ने ही प्रस्ताव रखा था, जिस पर शिवसेना के सभी 56 विधायकों ने अपनी सहमति दी. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आदित्य ठाकरे के सीएम बनने की संभावना खत्म हो गई है. एकनाथ को नेता बनाने के बाद भी शिवसेना आदित्य ठाकरे को सीएम के लिए आगे कर सकती है. वहीं, सुनील प्रभु को सदन में पार्टी का चीफ विप बनाया गया है. सभी विधायक आज ही राज्यपाल से मुलाकात करने वाले हैं. ऐसे में सियासी गहमागहमी बढ़ गई है.

सूत्रों के मुताबिक शिवसेना की बैठक में बीजेपी के उपमुख्यमंत्री पद वाले ऑफर पर चर्चा नहीं हुई. खबर है कि बीजेपी ने शिवसेना को उपमुख्यमंत्री पद के साथ 13 मंत्री पद देने का फैसला किया है.  बीजेपी ने जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसके तहत वह 26 मंत्री पद अपने पास रखेगी और 13 शिवसेना को देगी. बीजेपी राजस्‍व, वित्‍त, गृह और नगर विकास जैसे अहम मंत्रालय अपने पास रख सकती है. कितने कैबिनेट स्‍तर के होंगे, यह बातचीत के बाद तय होगा.

राउत ने कहा था कि अगली सरकार बनाने में कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने उन कयासों को खारिज कर दिया कि अगर नए मंत्रिपरिषद के गठन में देरी होती है तो शिवसेना बंट सकती है. गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद और सत्ता बंटवारे पर 50:50 फॉर्मूले पर आक्रामक रूप से जोर दे रही है, लेकिन भाजपा ने इस मांग को खारिज कर दिया है. राउत ने कहा कि दोनों सहयोगियों के बीच 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव से पहले जो तय हुआ था उनकी पार्टी बस उसे ही लागू करवाना चाहती है.

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