लोकसभा चुनावः मोदी फैक्टर और विपक्षी गठबंधन में फूट से भाजपा को फायदा
सिटी पोस्ट लाइव, चतरा: देश में चौथे और झारखंड में पहले चरण के लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। एक दिन बाद 29 अप्रैल को मतदान होना है। एक दिन पहले 27 अप्रैल की शाम चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है। अब डोर-टू-डोर कैंपेन का रोमांच चरम पर है। चुनावी बिसात बिछ चुकी है। राजनीतिक दावं-पेंच दिलचस्प मोड़ पर हैं। शह और मात का खेल चल रहा है। सभी उम्मीदवार बूथों पर ध्यान कॉन्संट्रेट कर चुके हैं। चतरा के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित बागी राजेंद्र साहू और विपक्षी गठबंधन के तीखे दोस्ताना संघर्ष ने संस्पेंस बढ़ा दिया है। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) बनाम विपक्षी गठबंधन में फूट का फायदा भाजपा को मिलते दिख रहा है। जोगाड़ टेक्नोलॉजी से वोटों की सेंधमारी की कोशिश हो रही है, लेकिन किसे सफलता मिलेगी और किसका भाग्य चमकेगा यह 23 मई को मतगणना के दिन ही स्पष्ट होगा।
भाजपाः लोगों की नाराजगी दूर होने और विपक्षी वोट बंटने से स्थिति मजबूत
चतरा संसदीय सीट से भाजपा ने लंबी जद्दोजहद के बाद वर्तमान सांसद सुनील कुमार सिंह पर ही भरोसा जताया है। वर्तमान सांसद सुनील कुमार सिंह के प्रति शुरू में लोगों में नाराजगी थी, लेकिन पार्टी की मदद से उन्होंने इसे दूर कर लिया है। साथ ही मोदी फैक्टर से भी उन्हें काफी मदद मिली। अब हवा उनके पक्ष में दिखने लगी है। इसके साथ ही यहां उनकी ही पार्टी के बागी और अब पार्टी से निष्कासित चतरा जिला परिषद के उपाध्यक्ष राजेंद्र साहू ताल ठोंक रहे हैं। उनकी जीत के रास्ते में रोड़ा अटकाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि भाजपा के स्टार प्रचारक व देश के प्रधानमंत्री मोदी के रांची में रोड शो और लोहरदगा में विशाल जनसभा के बाद अपने जातीय वोट पर उछल रहे राजेंद्र साहू की हवा निकल गई है। साथ ही दो दिन पहले भाजपा ने उन्हें पार्टी से भी छह सालों के लिए निकाल दिया। इसके बाद उनके समर्थकों में भी मायूसी है। वे अब अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाह रहे हैं। इसके अलावा झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर पिछला चुनाव लड़कर एक लाख से अधिक वोट हासिल करने वाली यादव जाति की नीलम देवी लोकसभा टिकट के लिए भाजपा में शामिल हुई थीं, लेकिन टिकट से वंचित होने के कारण वे नाराज चल रही है। पार्टी ने उन्हें साथ लाने की कोशिश की और लातेहार में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुईं। उब उनका मन-मिजाज पूरी तरह ठीक है और वे पूरी तरह भाजपा के सुनील कुमार सिंह के लिए काम कर रही है। उनका रुख भी इस चुनाव में थोड़ा बहुत मायने रखेगा। अब उनके लोग ही कह रहे हैं कि वोट बर्बाद करने से क्या फायदा, लेकिन राजद इस नाराजगी का भी फायदा उठाने की भरपूर कोशिश कर रहा है।
कांग्रेसः स्वजातीय वोटों, ईसाई और मुसलमानों के साथ ही दलितों पर है नजर
कांग्रेस ने हजारीबाग जिला के बरही विधानसभा क्षेत्र से विधायक मनोज यादव को चतरा लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। मनोज को टिकट मिलने के साथ ही क्षेत्र में जातीय समीकरण के असमंजस में पड़ जाने का अहसास हुआ। राजद प्रत्याशी सुभाष यादव ने विपक्षी गठबंधन तोड़ कर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। कांग्रेस की नजर स्वजातीय वोटों, ईसाई और मुसलमानों के साथ ही दलितों पर है तो राजद को अपने पारंपरिक समर्थकों पर गुमान है। क्षेत्र में सरना और ईसाई मिलाकर लगभग दो लाख आदिवासी वोटर हैं। यहां यादव और मुस्लिम वोटों का बिखराव निश्चित है और इससे भाजपा की राह आसान हो जायेगी।
राजदः हो रहा दोस्ताना संघर्ष, लेकिन चुनावी रंजिश काफी तीखा
राजद ने लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जानेवाले सुभाष यादव को अपनी पार्टी का टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है। कहने को तो दोनों के बीच दोस्ताना संघर्ष हो रहा है, लेकिन चुनावी रंजिश काफी तीखा है। यहां विपक्षी गठबंधन में फूट ने पार्टी की राह आसान नहीं रहने दी है। इस बार विपक्षी गठबंधन के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी थी। इसके बावजूद राजद ने भी यहां से अपना उम्मीदवार उतार दिया। स्वाभाविक तौर विपक्षी गठबंधन में दो फाड़ होने का फायदा भाजपा को मिलना तय है। इसके साथ ही चतरा सीट पर परदे के पीछे भी खेल चल रहा है। हाल के दिनों में ही दल बदलने वाले दो नेता समीकरण बदलने के लिए अपनी चाल चल रहे हैं। राज्य के पूर्व मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने राजद का दामन थामा है और उन्होंने राजद उम्मीदवार सुभाष यादव के पक्ष में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके अलावा दो यादवों की लड़ाई का फायदा भी भाजपा को मिलना तय है। तीखे दोस्ताना संघर्ष में विपक्षी गठबंधन के वोटों का बिखराव सुनिश्चित है और यही भाजपा की जीत की राह आसान करते नजर आ रहा है।
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