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LJP का बंगला फ्रीज़, चाचा-भतीजे नहीं कर पायेगें चुनाव चिन्ह बंगला का इस्तेमाल

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सिटी पोस्ट लाइव : चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को चिराग पासवान को बड़ा झटका दे दिया .आयोग ने पशुपति कुमार पारस (Paswan And Pashupati Kumar Paras) और चिराग पासवान दोनों के लिए लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चिह्न ’बंगले’ का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है.यह रोक तबतक जारी रहेगी जबतक कि आयोग प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच विवाद का निपटारा नहीं कर देता. आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े बिहार में आने वाले दिनों में दो विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव (By-election) में अपने उम्मीदवारों को उतारने के वास्ते उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं. दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं.

बिहार में कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 30 अक्टूबर को होगा.निर्वाचन आयोग द्वारा लोजपा के चुनाव चिन्ह को फ्रीज (जब्त) किए जाने के फैसले के बावजूद केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस के हौसले बुलंद हैं. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा की दो सीटों, तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर उपचुनाव में पूरी मजबूती और जोर-शोर से एनडीए उम्मीदवारों के प्रचार में जुटेंगे और जीत सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरे कहने पर लोजपा के सिंबल बंगले के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी लोजपा एनडीए में है और एनडीए के पक्ष में चुनाव प्रचार में जाएंगे.

सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी उपचुनाव में प्रचार में उतारे जाने का ऐलान करते हुए पारस ने कहा कि उन्होंने आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि बिहार में उपचुनाव हो रहा है और जब तक चुनाव आयोग कोई फैसला नहीं लेता तब तक पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जाए. चुनाव आयोग ने उनकी प्रार्थना पर लोजपा के चुनाव चिह्न बंगला को इस्तेमाल करने पर रोक लगायी है. आयोग का फैसला विधिसम्मत है. चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस को अंतिम हल निकालने के लिए कहा है. इलेक्शन कमीशन ने आयोग ने दोनों गुटों को पांच नवंबर तक अपने दावों के समर्थन में पक्ष रखने औ दस्तावेज पेश करने को कहा है. पशुपति कुमार का पक्ष साफ होने के बाद अब अगर चिराग पासवान तारापुर और कुशेश्वरस्थान सीट पर होने वाले उप चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारना चाहते हैं तो उन्हें नए नाम और अलग चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करना होगा.

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