सिटी पोस्ट लाइव : एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान खुद को पीएम नरेन्द्र मोदी का हनुमान बताते रहे हैं। बिहार का विधानसभा चुनाव हो या फिर राज्यसभा उपचुनाव इन दोनों मौकों पर उन्होंने साबित करने की कोशिश की उनकी बीजेपी और पीएम नरेन्द्र मोदी में पूरी आस्था है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से बाहर होकर चुनाव लड़कर उन्होंने जहां बिहार में बीजेपी को जेडीयू से बड़ा पार्टी बनने में अपरोक्ष रूप से मदद की तो एलजेपी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर हुए राज्यसभा उपचुनाव में महागठबंधन के ऑफर को ठुकरा कर उन्होंने इसका सुबूत भी दिया। चिराग पासवान की पार्टी को उम्मीद है कि उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी इस बीच एलजेपी ने एक और नयी मांग पीएम मोदी से कर दी है।
भारत रत्न, संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेदकर की पुण्यतिथि पर एलजेपी ने अपनी पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग उठायी। लोजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी कृष्णा सिंह कल्लू ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि एलजेपी संस्थापक व दलितों के मसीहा स्व. पासवान को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठ रही है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने दलित नेता रामविलास पासवान को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की थी।
इससे साथ ही जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे एक पत्र में नई दिल्ली स्थित पासवान के 12, जनपथ वाले बंगले को एक स्मारक में तब्दील करने का भी अनुरोध किया। ताकि भावी पीढ़ी को रामविलास पासवान और उनकी सेवाओं के बारे में युवाओं को बताया जा सके। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक पासवान इस बंगले में करीब 31 वर्षों तक रहे।
वहीं रामविलास पासवान के छोटे भाई और एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस के साथ ही बीजेपी के सीनियर लीडर और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने भी मांग की थी कि दिवंगत नेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाए।
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