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चारा घोटाले के 5 मामलों में से 4 में सुनाई गई सजा, एक पर फैसला अभी बाकी

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चारा घोटाले के 5 मामलों में से 4 में सुनाई गई सजा, एक पर फैसला अभी बाकी

सिटी पोस्ट लाइव : आज शुक्रवार को चारा घोटाला के एक मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत मिल गई है. सबसे बड़ा सवाल- क्या अब लालू यादव जेल से बाहर आ जायेगें. अभी नहीं क्योंकि लालू यादव को अभी महज देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत मिली है जबकि बाकी तीन- चाईबासा के दो मामले, दुमका के मामलों में उनकी सजा जारी है. जबकि डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में अभी ट्रायल चल रही है.

लालू यादव पर आरोप था कि 1995 और 96 के बीच उनके बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए कोषागार से 3.13 करोड़ की अवैध निकासी हुई. इस मामले में लालू समेत पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा और 29 अन्य लोग आरोपी थे. मार्च 2018 में दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने लालू प्रसाद को 7 साल की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने लालू पर 30 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है.इस मामले में आरोप था कि लालू यादव की मिलीभगत से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी हुई. इस मामले में लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में में 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

लालू यादव पर आरोप था कि चाईबासा कोषागार से ही 30 करोड़ रुपये की और अवैध निकासी में उनका हाथ था. इस मामले में 5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. इस मामले में 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.यह मामला 89.5 लाख की अवैध निकासी से जुड़ा है. इसमें लालू यादव को शुक्रवार ( 12 जुलाई, 2019) को जमानत मिल गई है. हालांकि इस मामले में 3.5 साल की सजा सुनाई गई है. इस मामले में 5 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया है.

पहले चार मामलों में लालू यादव को 20.5 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. गौरतलब है कि चारा घोटाले मामले को लेकर लालू प्रसाद यादव के खिलाफ 6 प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें से 5 झारखंड में और एक बिहार में थी.चारा घोटाले का पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. जो चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला है. इसमें करीब 139.35 करोड़ की अवैध निकासी का आरोप है. फिलहाल इस मामले में भी सुनवाई लगातार जारी है.

कानून के जानकारों के अनुसार इसी जमानत को आधार बनाकर दुमका कोषागार मामले में भी लालू यादव की जमानत की मांग की जा सकती है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिल भी सकती है. लेकिन कुछ कानून के जानकारों के अनुसार  देवघर मामले में जमानत मिलने के बावजूद उनकी मुसीबतें कम नहीं होनेवाली.गौरतलब है कि चारा घोटाला का केस साल 1996 में दर्ज हुआ, जिनमें 180 लोगों को आरोपी बनाकर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी. हालांकि, सिर्फ 116 अभियुक्त ही वर्तमान में ट्रायल का सामना कर रहे हैं जबकि बाकि 62 की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई है.अब लालू यादव के समर्थकों को पूरा विश्वास है कि बहुत जल्द लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर होगें.

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