देर रात तक जागते रहे लालूजी ,लेते रहे शादी की तैयारियों का ब्यौरा
- आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव 138 दिन बाद अपने परिवार से मिले.गुरुवार को तीन दिन के पेरोल पर शाम 7 बजे पटना पहुंचे लालू यादव के पास समय बहुत कम है और काम बहुत ज्यादा.रात 9 बजे तक तो कार्यकर्त्ता और पार्टी नेताओं से ही मिलते रहे फिर अपने परिवार के साथ हो लिए.घर के बाहर सैकड़ों नेता कार्यकर्त्ता इंतज़ार कर रहे थे लेकिन रात 9 बजे के बाद लोगों से मिलना जुलना छोड़ लालू यादव शादी की तैयारियों का जायजा लेने में जुट गए.अपने परिवार यानी सात बेटियों –दामादों और से घीरे लालू यादव शादी की व्यवस्था के बारे में जानकारी लेते रहे.लालू यादव अपने बड़े बेटे की शादी को यादगार बना चाहते थे लेकिन अब तो उनके पास कुछ खास करने के लिए समय ही नहीं.वो उंगुलियों पर दिन गिनते रहे-आज एक दिन ,कल दूसरा और फिर तीसरा दिन.तीन ही दिन की तो छुट्टी है ,एक दिन ऐसे ही निकल गया.बड़ी बेटी मिसा ने अपने पिता को आश्वस्त किया –“आप शादी की तैयारी को लेकर निश्चिन्त रहिये ,सारी तैयारी हो चुकी है.आपको चिंता करने की जरुरत नहीं” बचपन में चाकलेट और आइसक्रीम के लिए सर पर आसमान उठा लेनेवाली अपनी प्यारी बिटिया की चिंता और संकट के समय में उसकी समझदारी और जिम्मेवारी संभालने की तत्परता देख लालू की आँखें प्यार से भर आयीं .राबडी देबी चुपचाप अपने साहब को ऐसे निहारती रहीं,मानों वो बिना बोले ही पूछ रहीं हैं ,आप कैसे हैं,कैसे अकेला रहते होंगे जेल में,कौन रखता होगा आपका ध्यान ? राबडी देवी को ध्यान आया साहब इतने दिनों बाद आये हैं,उन्हें उनका मन-पसंद खाना खिलाना है.अपने बच्चों से घिरे लालू यादव को छोड़ अपना पल्लू संभालती वह घर के अन्दर साहब के खाने की व्यवस्था करने चली जाती हैं.अब रात के बारह बज गए हैं- लालूजी पूछते हैं-बाहर अभी वो बैठा है सब का ? बोलो सबको घर जाए .अब मुझे आराम करना है.सभी चले जाते हैं.अब लालू यादव अपने परिवार के साथ बैठकर खाना खाते हैं. दवाइयां लेते हैं और शादी की तैयारियों के बारे में ध्यान से सुनते सुनते ऊँघने लगते हैं.” चलिए सो जाइए ,आपको नींद आ रही है……………..
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