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लालू पुत्रों के झगड़े को सुलझाने का साधू मंत्र, तेजस्वी बने सीएम, तेजप्रताप पार्टी सुप्रीमो

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सिटी पोस्ट लाईव : लालू यादव के दो बेटों के बीच छिड़ी जंग में अब उनके हाई प्रोफाइल साले साधू यादव भी कूद पड़े हैं. अभी तेजप्रताप यादव और तेजस्वी के बीच बीच बचाव का प्रयास ही चल रहा तबतक बीच में मामा साधू यादव कूद गए विवाद के समाधान का मंत्र लेकर. साधू यादव ने कहा कि उन्होंने बचपन से दोनों को देखा है. वो दोनों की कमियां और खूबियाँ बखूबी जानते हैं. उन्होंने एक झटके में विवाद ख़त्म कर देने का मंत्रा दे दी.

लालू यादव और राबडी देबी दोनों ने साधू यादव और सुभाष यादव दोनों से पिछले एक दशक से किनारा कर रखा है. एक दशक बाद तेजप्रताप की शादी में उन्हें आने का न्यौता मिला. दोनों भगीना तेजप्रताप को शादी में आशीर्वाद देने भी पहुंचे. अब साधू यादव फिर से एकबार अपनी बहन राबडी और बहनोई लालू यादव के करीब आना चाहते हैं. जैसे ही उन्हें खबर मिली कि उनके दोनों भागीने आपस में भीड़ गए हैं, दिमाग लगाना शुरू कर दिया. साधू यादव ने कहा कि दोनों भागीने को उन्होंने अपनी गोद में खेलाया है. उनके स्वभाव से बखूबी परिचित हैं. उन्होंने दोनों भाइयों के बेच का सुझाव भी पेश कर दिया. उन्होंने कहा कि तेजप्रताप का हावभाव सबकुछ लालू यादव वाला है. लालू यादव की जगह वहीँ ले सकता है. उसके हाथ में पार्टी की कमान सौंप देनी चाहिए. साधू यादव ने कहा कि तेजप्रताप पार्टी को ठीक से संभल सकता है तो तेजस्वी ठीक से सरकार चला सकता है.

साधू यादव ने कहा कि पार्टी में कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने स्वार्थ के लिए दोनों भाईयों को लड़ा देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि तेजप्रताप पार्टी को लालू अंदाज में चला सकता है और तेजस्वी नीतीश कुमार की तरह ठीक से सरकार चला सकता है. अब सवाल ये उठ रहा है कि लालू यादव और राबडी देबी साधू यादव की इस सलाह को कैसे लेते हैं. इसे वो दोनों भाइयों के बीच के विवाद सुलझाने की कोशिश  के रूप में देखते हैं या दोनों के बीच बंटवारा करा देनी की शाजिष  समझते हैं. अभीतक साधू यादव के दोनों भाइयों के विवाद सुलझाने के मंत्रा पर लालू यादव और राबडी देबी की प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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