City Post Live
NEWS 24x7

ब्लैक में बिक रही ‘लालू लीला’ सुशील मोदी ने कहा- प्रकाशक मांग पूरी करने में असमर्थ

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

ब्लैक में बिक रही ‘लालू लीला’ सुशील मोदी ने कहा- प्रकाशक मांग पूरी करने में असमर्थ

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा लिखी गई किताब ‘लालू लीला’  की इतनी मांग बढ़ गई है कि इसे लोग ब्लैक में खरीद रहे हैं. सुशील मोदी का दावा है कि इस किताब की इतनी ज्यादा मांग हो रही है, जिसे प्रकाशक पूरा नहीं कर पा रहा . किताब की आपूर्ति कम और मांग ज्यादा होने की वजह से कुछ लोग इसे दो से चार गुना दाम पर बेच रहे हैं.

बुधवार को जब पत्रकारों ने सुशील मोदी से उनकी किताब की बिक्री के बारे में आज पूछा तो, सुशील मोदी ने कहा कि यह किताब ब्लैक में बिक रही है और इसकी इतनी डिमांड है कि बेचारा प्रकाशक इसकी आपूर्ति नहीं कर पा रहा है. गौरतलब है कि  ‘लालू लीला’ में लालू प्रसाद यादव के भ्रष्टाचार की कहानी लिखी गई है. किताब में लालू लीला को चित्रों के साथ उल्लेख किया गया है. पुस्तक में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे कई नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवाये जाने का जिक्र किया गया है. साथ ही भ्रष्टाचार से कमाये गये काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी आदि से नौकरी तथा ठेका या अन्य लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन-मकान दान के जरिये हासिल किये जाने की कहानी लिखी गई है.

लालू परिवार ने बेनामी संपत्ति हासिल करने के लिए रिश्तेदारों को कैसे माध्यम बनाया, इसका भी खुलासा पुस्तक में किया गया है. भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी की ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से पहले अपने कालेधन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों और बेटियों के नाम गिफ्ट करा लिये. ऐसे करीब दर्जनभर मामलों को पुस्तक में उजागर किया गया है. लालू प्रसाद यादव ने मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर कैसे संपत्ति बनायी गयी, इसका भी उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है.लेकिन इस पुस्तक को लेकर आरजेडी कार्यकर्त्ता से लेकर लालू समर्थक बेहद नाराज हैं. यूं ट्यूब चैनलों पर खूब तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस खबर को चलाने वालों को भी वो नहीं बख्श रहे. उन्हें भी गलिय रहे हैं.

 

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.