‘लालू लीला’ का हो गया है लोकार्पण, लालू समर्थक हैं बेहद नाराज
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर लिखी अपनी किताब लालू लीला का विमोचन कर दिया. इस किताब के माध्यम से सुशील मोदी लालू के बारे में कई अहम राज बताये. इस किताब में लालू यादव के घोटाले, उनके परिवार के सदस्यों से इसका संबंध और लालू के 15 सालों के राज के दौरान बिहार की दुर्दशा के बारे में बताया गया है.
किताब के विमोचन में बीजेपी और जेडीयू के कई नेता शामिल हुए हैं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह, रामकृपाल यादव, गिरिराज सिंह सहित कई दिग्गज मंच पर मौजूद रहे. राजद के विरोध को देखते हुए इस मौके पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसके साथ ही विद्यापति भवन तथा पटना में प्रभात प्रकाश की दुकानों पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.लंबे समय तक लालू यादव की राजनीति को करीब से देखने वाले सुशील मोदी द्वारा रचित इस पुस्तक का नाम ‘लालू लीला’ है. जो 300 पृष्ठों में लिखी गई है. सुशील मोदी ने लालू प्रसाद की राजनीतिक गतिविधियों को लेकर ये पुस्तक लिखी है.
पुस्तक में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव द्वारा विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा, कांति सिंह जैसे कई नेताओं से जमीन-मकान दान में लिखवाये जाने का जिक्र किया गया है. साथ ही भ्रष्टाचार से कमाये गये काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी, रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी तथा भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी, सुभाष चौधरी आदि से नौकरी तथा ठेका या अन्य लाभ पहुंचाने के एवज में कीमती जमीन-मकान दान के जरिये हासिल किये जाने की कहानी लिखी गई है.
लालू परिवार ने बेनामी संपत्ति हासिल करने के लिए रिश्तेदारों को कैसे माध्यम बनाया, इसका भी खुलासा पुस्तक में किया गया है. भाई के समधियाने, अपनी ससुराल, बेटी की ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से पहले अपने कालेधन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों और बेटियों के नाम गिफ्ट करा लिये. ऐसे करीब दर्जनभर मामलों को पुस्तक में उजागर किया गया है. लालू प्रसाद यादव ने मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल कर कैसे संपत्ति बनायी गयी, इसका भी उल्लेख इस पुस्तक में किया गया है.लेकिन इस पुस्तक को लेकर आरजेडी कार्यकर्त्ता से लेकर लालू समर्थक बेहद नाराज हैं. यूं ट्यूब चैनलों पर खूब तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस खबर को चलाने वालों को भी वो नहीं बख्श रहे. उन्हें भी गलिय रहे हैं.
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