गोड्डा सीट नहीं मिलने पर गठबंधन से अलग हो सकता है झाविमो
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कांग्रेस की तरफ से 13 फरवरी को देवघर में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह मंगलवार को रांची पहुंचे। देवघर गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में आता है और इसी सीट को लेकर गठबंधन की एकजुटता दांव पर लगी हुई है। इस सीट को लेकर कांग्रेस व झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के बीच तनातनी निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। सूत्रों के अनुसार आरपीएन सिंह देवघर में गोड्डा लोकसभा सीट पर कांग्रेस और झाविमो के जनाधार का तुलनात्मक आकलन भी करेंगे। कांग्रेस प्रभारी सिंह इस दौरे में गठबंधन के घटक दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे से नाराज झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी से बात कर रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि गठबंधन के घटक दलों के बीच लोकसभा सीटों के बंटवारे के बाद झविमो के साथ कांग्रेस की दूरी बढ़ती जा रही है। गोड्डा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और झाविमो में ठन गयी है। झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने साफ कह दिया है कि उन्हें गोड्डा लोकसभा सीट की कीमत पर गठबंधन स्वीकार नहीं है। जबकि कांग्रेस का कहना है कि इस सीट पर उसका दावा स्वाभाविक है। दरअसल, कांग्रेस के पूर्व सांसद फुरकान अंसारी 2014 के लोकसभा चुनाव में वहां दूसरे स्थान पर थे। जबकि झाविमो का दावा है कि वहां के किसानों के हक में प्रदीप यादव के आंदोलन के कारण पार्टी के पक्ष में माहौल बना है। प्रदीप यादव आंदोलन के चलते जेल भी गये थे। उन्होंने गोड्डा में जनसभा कर किसी भी सूरत में लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभी झाविमो प्रमुख मरांडी को मनाने में लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार झाविमो नेताओं को भी कांग्रेस प्रभारी सिंह के रांची दौरे से सम्मानजनक समाधान निकलने की उम्मीद है। झाविमो सूत्रों ने बताया कि पार्टी 25 फरवरी तक कांग्रेस के फैसले का इंतजार करेगी। झाविमो की बैठक 26 फरवरी को प्रस्तावित है। पार्टी नेतृत्व उसमें कोई बड़ा फैसला कर सकता है। उधर, झाविमो के गठबंधन से बाहर जाने की स्थिति में कांग्रेस पलामू सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस की ओर से 15 फरवरी को पलामू में रैली का आयोजन किया गया है। इस रैली के माध्यम से कांग्रेस पलामू लोकसभा सीट पर अपनी ताकत का आकलन करेगी। हालांकि अभी यह सीट झाविमो के खाते में है। वैसे, राजद भी पलामू सीट को लेकर अड़ा हुआ है। कांग्रेस ने राजद को पलामू और चतरा दोनों सीटें नहीं देने का साफ संकेत दे दिया है। गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों की बंटवारे में राजद को चतरा सीट दी गयी है।
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