झारखंड उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था : नीतीश कुमार
झारखंड के विकास के लिए सीएनटी और एसपीटी एक्ट में नहीं हो छेड़छाड़
झारखंड उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था : नीतीश कुमार
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि झारखंड राज्य बने 19 वर्ष होने को हैं, लेकिन उतना विकास नहीं हो पाया, जितना होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास के लिए सबसे जरूरी है कि सीएनटी और एसपीट एक्ट में कोई छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। इसके लिए हम सभी की प्रतिबद्धता होनी चाहिए। कुमार शनिवार को झारखंड प्रदेश जदयू के कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एक्ट में झारखंड के आदिवासी और मूलवासी की 54 जाति आती हैं। अगर सीएनटी और एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ होगा, तो इसका असर पड़ेगा। साथ ही अपने राज्य से ही बेदखल होना पड़ेगा। हमारा यह संकल्प होना चाहिए कि इस एक्ट में छेड़छाड़ नहीं हो। उन्होंने कहा कि झारखंड में हर जगह कुछ न कुछ समस्या है। राज्य के विकास के लिए चार-पांच इलाकों के लिए अलग से प्राधिकार बनना चाहिए। साथ ही यहां कई समितियों का गठन भी हो। उन्होंने कहा कि झारखंड का पलामू जिला सूखे की चपेट में रहता है। पलामू के लिए विशेष काम करना होगा। अल्पसंख्यकों की कितनी संख्या है, बिहार में मदरसा, वक्फ बोर्ड पर काम हो रहा है। यहां भी होना चाहिए।यहां बुनकरों की संख्या अधिक है, लेकिन अधिकतर बुनकर अब किसानी कर रहे हैं। झारखंड में अल्पसंख्यक समाज के लिए विशेष योजना चलायी जानी चाहिए। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। समाज सुधार के लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरी है। इसलिए बिहार में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिये जा रहे हैं। आज बिहार पुलिस बल में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कुशल युवा कार्यक्रम के जरिये युवाओं को कम्प्यूटर सिखाये जा रहे हैं। सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना शुरू की गयी है। उन्होंने कहा कि झारखंड आगे बढ़ सकता है। यहां प्राकृतिक संसाधन और खनिज संपदा है। इस अवसर पर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर, लोकसभा में संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, बिहार के मंत्री रामसेवक सिंह, संजय झा, झारखंड जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू, श्रवण कुमार, संजय सहाय आदि मौजूद थे।
झारखंड में लागू हो शराब बंदी
नीतीश ने कहा कि बिहार और झारखंड एक हैं। दोनों भाई हैं। बिहार राज्य में शराबबंदी है, लेकिन झारखंड में शराब की दुकानें खुल रही हैं। आदिवासी समाज का शुरू से शराबबंदी के खिलाफ अभियान चलता रहा है।शराबबंदी झारखंड में भी लागू होनी चाहिए। यह संकल्प लेकर हमें चलना चाहिए। शराब बंदी को लेकर लोग मेरी आलोचना करते हैं। बिहार में बड़े पैमाने पर काम हुआ है। शराब बंदी को लेकर बिहार में 21 जनवरी 2017 को मानव श्रंखला बनायी गयी। नशा मुक्ति के लिए चार करोड़ लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शराब के टैक्स से पांच हजार करोड़ की आमदनी होती थी, लेकिन हमने उसकी परवाह नहीं की। इसके बावजूद आज बिहार का बजट दो लाख करोड़ से भी ज्यादा है।
बिहार सरकार की योजनाओं को केंद्र ने एडॉप्ट किया
कुमार ने कहा कि जब बिहार से झारखंड अलग राज्य हुआ था, तो लोग कहते थे कि झारखंड में खनिज संपदा चला गया। बिहार के लोग मायूस रहते थे, लेकिन आज स्थिति दूसरी है। झारखंड अमीर होने के बावजूद बिहार की तुलना में काफी कम है। आज बिहार के हर गांव को सड़कों से जोड़ा गया है। हर घर में बिजली और पानी पहुंचा है। यह बिहार सरकार की योजनाएं थी, जिसे केंद्र सरकार ने एडॉप्ट कर लिया।
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