झारखंडः संताल परगना की तीनों लोस सीटों पर भाजपा व विपक्षी गठबंधन में सीधी टक्कर
सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: झारखंड में संताल परगना के तीनों लोकसभा क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी गठबंधन केे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) में सीधी टक्कर है। हालांकि इन तीनों सीटों पर इसबार कुल 42 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे है। जंगल, पहाड़ व नदियों से घिरे खनिज सम्पदा सम्पन्न इस प्रमंडल में दुमका और राजमहल सीट अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित है, जबकि एकमात्र सामान्य सीट गोड्डा है। वर्तमान में इस प्रमंडल की तीन सीटों दुमका और राजमहल पर झामुमो और गोड्डा सीट पर भाजपा का कब्जा है। एकीकृत बिहार के समय से ही संताल परगना को झामुमो का मजबूत दुर्ग समझा जाता रहा है। इस चुनाव में भाजपा इन तीनों सीटों को झामुमो और विपक्षी गठबंधन मुक्त करने की रणनीति के साथ चुनाव मैदान जोर आजमाईश कर रही है, जबकि झामुमो और झाविमो, कांग्रेस व राजद के समर्थन से तीनों सीटों पर कब्जा करने की जी तोड़ प्रयास कर रहा है। तीनों क्षेत्रों में सातवें व अंतिम चरण में 19 मई को मतदान कराने को लेकर प्रमंडल के छह जिले में प्रशासनिक तैयारियां अंतिम चरण में हैं।
दुमका (अजजा) संसदीय क्षेत्र में 11वीं बार अपने चुनावी भाग्य की आजमाईश करने उतरे 75 वर्षीय झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन एकबार फिर मैदान में उतरे हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने कभी उनके शिष्य रहे 39 वर्षीय सुनील सोरेन को मैदान में उतारा है। इन दोनों प्रत्याशियों के अलावा इसबार कुल 15 उम्मीदवार चुनावी ताल ठोक रहे हैं। 19 मई को इस क्षेत्र के 13 लाख 63 हजार से अधिक मतदाता इन उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य तय करेंगे।
मतदाताओं के रुझानों के अनुसार, इस सीट पर मुख्य मुकाबला झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन और भाजपा के सुनील सोरेन के बीच होने के आसार हैं। विपक्षी गठबंधन में शामिल झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, सुबोधकांत सहाय, झाविमो अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के साथ राजद नेता दिशोम गुरू शिबू सोरेन के पक्ष में सघन जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं। जबकि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के साथ आजसू, जदयू व लोजपा के कार्यकर्ता सुनील सोरेन की जीत सुनिश्चित करने के लिए गांवों का लगातार दौरा कर रहे हैं। हालांकि भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन झामुमो दिग्गज शिबू सोरेन से 2009 में 18 हजार और 2014 में 39 हजार मतों के अंतर से दो बार चुनाव हार चुके हैं।
राजमहल (अजजा) लोकसभा क्षेत्र में इसबार झामुमो के निवर्तमान सांसद विजय हांसदा के खिलाफ भाजपा ने कभी झामुमो के कद्धावर नेता रहे हेमलाल मुर्मू को एकबार फिर चुनावी मैदान में उतारा है। इसबार यहां से झामुमो व भाजपा सहित कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस क्षेत्र में कुल 14 लाख 34 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमान करेंगेेे।
2014 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में मुर्मू झामुमो के विजय हांसदा से 41 हजार से अधिक मतों के अंतर से पराजित हो गये थे। इसबार इस सीट पर भी झामुमो और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने के आसार दिख रहे हैं। इस चुनाव में झामुमो को विपक्षी गठबंधन में शामिल कांग्रेस, झाविमो और राजद का समर्थन मिल रहा है, जबकि भाजपा को राजग गठबंधन में शामिल आजसू, लोजपा व जदयू के कार्यकर्ता समर्थन दे रहे हैं।
गोड्डा सामान्य सीट पर विकास की लम्बी लकीर खींचने के प्रयास में जुटे भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे के खिलाफ विपक्षी गठबंधन में शामिल कांग्रेस, झामुमो, राजद के समर्थन से झाविमो के केन्द्रीय महासचिव विधायक प्रदीप यादव को मैदान में उतारा गया है। इस क्षेत्र के कुल 16 लाख 91 हजार से अधिक मतदाता आगामी 19 मई को कुल 13 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगेेे।
भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित राजग के कई स्टार प्रचारक चुनावी सभा को संबोधित कर चुके है। इधर झाविमो प्रत्याशी प्रदीप यादव के पक्ष में झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, हेमंत सोरेन, झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के साथ कांग्रेस व राजद के नेता विभिन्न इलाकों में कई चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं। हालांकि झाविमो के प्रदीप यादव दो चुनावों में भाजपा के निशिकांत दुबे से भारी मतों के अंतर से पराजित हो चुके हैं। इसबार कांग्रेस के कद्धावर नेता फुरकान अंसारी के मैदान में नहीं उतरने से भाजपा और झाविमो उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर होने की सम्भावना जतायी जा रही है।
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