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JDU कार्यकारिणी की बैठक : नीतीश कुमार को एनडीए का चेहरा बनाए जाने का प्रस्ताव होगा पारित

बीजेपी और जेडीयू में सीट शेयरिंग और बिहार में गठबंधन के चेहरे को लेकर मचा है घमासान

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सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली में आयोजित होने वाली जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में एक अहम् राजनीतिक प्रस्ताव पारित होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए का चेहरा बनाया जा सकता है. बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चर्चा होगी. जेडीयू की इस बैठक  में बीजेपी से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला भी हो सकता है.सभी की निगाहें जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर टिक गई हैं. ये बैठक इसलिए भी अहम् है  क्योंकि इस बैठक के पहले नीतीश कुमार रामविलास पासवान से मिल रहे हैं और बीजेपी के राष्ट्रिय  अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच 12 जुलाई को प्रस्तावित मुलाकात से ठीक पहले हो रही है.

एनडीए के दोनों सहयोगी बीजेपी और जेडीयू में सीट शेयरिंग और बिहार में गठबंधन के चेहरे को लेकर घमासान मचा हुआ है.  अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बैठक में सब कुछ कुछ फाइनल कर लिए जाने की संभावना है. लेकिन  नीतीश कुमार अपनी पार्टी के लिए बेस्ट डील करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं और अमित शाह के साथ बातचीत करने के दौरान  मोल-भाव की संभावना बनी हुई है. गौरतलब है कि इससे पहले जेडीयू ने 25 सीटों और बीजेपी ने 15 सीटों पर का चुनाव लड़ा था.उसी को आधार बनाकर जेडीयू बीजेपी से ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने की कोशिश में जुटा है.लेकिन सूत्रों के हवाले पहले ही इस मामले में फार्मूला तैयार हो जाने की खबर है . बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबर बराबर सीटों का बटवारा हो सकता है.

जेडीयू ने 2014 के लोकसभा चुनावों में केवल दो सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि एनडीए ने मोदी लहर में 40 सीटों में से 31 सीटों पर जीत दर्ज की थी इसको आधार बीजेपी अभी बनाकर जेडीयू के ऊपर दबाव बनाए हुए है. लेकिन ये दबाव ज्यादा देर तक टिकनेवाला नहीं है.नीतीश कुमार अभी से आना विद्रोही तेवर दिखाने शुरू कर चुके हैं और मन की नहीं होने पर कोई बड़ा फैसला भी ले सकते हैं.

जेडीयू नेत्रित्व के मुद्दे पर भी झुकाने को तैयार नहीं है क्योंकि जब पिछले साल नीतीश कुमार ने आरजेडी का साथ छोड़ा था उस समय भी नीतीश कुमार को राज्य में एनडीए के नेता बने रहने का आश्वासन दिया गया था .दरअसल बीजेपी की प्राथमिकता  किसी भी कीमत पर नरेंद्र मोदी का दूसरा कार्यकाल सुनिश्चित करना है और ऐसे में वह नीतीश कुमार को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती . ”अगर नीतीश दूसरी तरफ जाते हैं तो परिणाम क्या होगा, इसे बीजेपी भी बखूबी समझती है. माइनस नीतीश बीजेपी बिहार में जीतने का सपना भी नहीं देख सकती, ये बीजेपी और जेडीयू दोनों को पता है, इसीलिए सीटों के बटवारे को लेकर खींचतान चल रही है.आखिर में क्या होना है, सबको पता है.

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