सिटी पोस्ट लाइव : खबर आ रही है कि अब बीजेपी और जेडीयू ने अपने अपने प्रवक्ताओं को गठबंधन और सीट शेयरिंग के मुद्दे पर किसी तरह की बयानबाजी नहीं करने का निर्देश जारी किया है. अब सवाल ये उठता है कि क्या ये पार्टी प्रवक्ता अबतक क्या अपने मन से बयान दे रहे थे या पार्टी का पक्ष मीडिया में रख रहे थे ? अगर ये पार्टी का आधिकारिक पक्ष रह रहे थे तो फिर इन्हें बयानबाजी से रोकने का निर्देश जारी करने का कोई मतलब नहीं. अगर ये अपने मन से सीट शेयरिंग और चहरे को लेकर बयान दे रहे थे तब तो बात बेहद गंभीर हो जाती है. क्योंकि पिछले कुछ दिनों से जेडीयू के प्रवक्ता जिस तरह से ताबड़तोड़ बयान दे रहे थे और अकेले चुनाव लड़ा लेने की धमकी तक दे रहे थे, जनमानस में तो यहीं सन्देश जा रहा था कि ये जेडीयू का स्टैंड यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्टैंड है.वैसे जेडीयू के प्रवक्ता ऐसे भी नहीं हैं जो बिना पार्टी लाईन से अलग जाकर कुछ करेगें.ये बात दीगर है कि पहले दबाव बनाने के लिए उनका इस्तेमाल किया गया. और काम बन गया तो इन्हें अपने जुबान पर लगाम लगाने का फरमान जारी कर ये सन्देश भी दे दिया गया कि गठबंधन में सबकुछ ठीकठाक है .ये तो प्रवक्ता थे जो बिना वजह शोर मचाये हुए थे .
बीजेपी जेडीयू दोनों पार्टियों के आलाकमान की ओर से कहा गया है कि कोई भी प्रवक्ता सीट शेयरिंग और एनडीए गठबंधन को लेकर बेवजह की बयानबाजी नहीं करेगा.सवाल उठता है कि ये काम आज क्यों हुआ .ये तो शुरू में ही हो जाना चाहिये था. कहीं 12 जुलाई को अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की होनेवाली बैठक को लेकर तो ऐसा फरमान जारी नहीं किया गया है ? अब विपक्ष को इसी बहाने हमला करने का मौका मिल गया है.आरजेडी के नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि ये लोग तुगलकी फरमान जारी करने में उस्ताद है. इन लोगों ने देश को साथ ही बिहार को भी इमर्जेंसी की हालत में पहुंचा दिया है. अब प्रवक्ताओं के लिए तुगलकी फरमान जारी किया गया है. अब उन्हें मुंह बंद रखना पड़ेगा. दरअसल ये लोग डरे हुए हैं और नीतीश कुमार तो भाजपा के पेंच में फंसे हुए हैं, क्या करेंगे बेचारे ?
जेडीयू नेता सह पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि सीट शेयरिंग और गठबंधन का मुद्दा आलाकमान का फैसला है, इसपर किसी को भी बेवजह की बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है. सीट शेयरिंग का मुद्दा हम मिल बैठकर सुलझा लेंगे. प्रवक्ता जो भी बोलते हैं, बोलें लेकिन फैसला तो आलाकमान ही करती है. हमारे बीच सबकुछ ठीक है. लेकिन प्रवक्ता साहब जब फैसला पार्टी आलाकमान को ही लेना है तो फिर क्यों आप लोगों ने ताबड़तोड़ बयान देकर क्यों ऐसा माहौल बना दिया कि लगा गठबंधान ही खतरे में है या फिर गठबंधन में भारी असहजता है. गौरतलब है कि सीट शेयरिंग को लेकर दोनों पार्टियों के बीच प्रवक्ताओं के तीखे बयान सामने आए थे. बयान में बड़ा भाई-छोटा भाई, सबसे ज्यादा सीट, चुनावी चेहरा को लेकर जेडीयू –बीजेपी के बीच बवाल मचा हुआ था और दोनों तरफ से वर्चस्व को लेकर बयानबाजी की जा रही थी, जिसे लेकर ये फरमान जारी किया गया है.
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