सिटीपोस्टलाईव: भले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीदीयू का खाता भी खुल पाया .लेकिन उत्तर-पूर्व से लेकर राजस्थान तक पार्टी के विस्तार में जुटा जदयू .कर्नाटक में पार्टी ने 28 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट पर सफलता हाथ नहीं लगी.जेडीयू को इस चुनाव में पचास हजार वोट भी नहीं मिले. अधिकांश सीटों पर उसकी जमानत जप्त हो गई.लेकिन इस असफलता के वावजूद जेडीयू का राष्ट्रिय स्तर पर संगठन और पार्टी के विस्तार का अभियान थमा नहीं है.जेडीयू ने उत्तर-पूर्व से लेकर राजस्थान तक अपने आधार को मजबूत करने की योजना बनाई है. इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव भी होना है.इसलिए उत्तर-पूर्व को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गंभीर हैं. राजस्थान में संगठन को मजबूत करने के लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 30 मई को बांसवाड़ा जायेंगे.
चुनाव से पहले उत्तर-पूर्व में संगठन को मजबूत करने के लिए जेडीयू 20 मई को मणिपुर में राजनीतिक सम्मेलन करेगा.वहां पार्टी मुख्यालय का भी उद्घाटन किया जायेगा और सम्मेलन के मुख्य अतिथि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी होंगे.पार्टी महासचिव केसी त्यागी, राज्यसभा सांसद हरिवंश और राष्ट्रीय सचिव अशफाक अहमद की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है, जो उत्तर-पूर्व में पार्टी का आधार तैयार करने की दिशा में काम कर रही है.
उत्तर-पूर्व से लेकर राजस्थान तक पार्टी के विस्तार में जुटा जदयू .केसी त्यागी ने बताया कि कि उत्तर-पूर्व समाजवादियों का गढ़ रहा है.लोहिया और जेपी अक्सर इन राज्यों का दौरा करते थे.2002 में जार्ज फर्नांडीस और नीतीश कुमार के दौर में मणिपुर में समता पार्टी की सरकार भी रही है.पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रही है.मालूम हो कि जदयू नागालैंड और मणिपुर में हुए विधानसभा चुनावों में भी उतरा था और नागालैंड में वह सरकार में शामिल है.ख़ास बात ये है कि शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष भी बांसवाड़ा के रहने वाले पूर्व विधायक फतेह सिंह को बनाया गया है.
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