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जेडीयू ने दी आरजेडी को सलाह-” पार्टी से ‘लंपटीकरण’ का ‘टैग’ हटाईये तेजस्वी

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सिटी पोस्ट लाईव : अब जेडीयू के प्रवक्ता  विधान पार्षद नीरज कुमार ने आरजेडी नेता तेजस्वी को पार्टी से  ’लंपटीकरण’ का टैग हटाने के लिए पार्टी  में शामिल असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने की सलाह दी है. नीरज कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आरजेडी अब राजनीति में ‘लंपटीकरण’ का पर्याय बन गया है. फिर खुद ही नीरज ने आगे यह भी कह दिया कि जब घर का प्रमुख ही दागदार हो तो शेष पर कार्रवाई की अपेक्षा कैसे की जा सकती है ? आरजेडी  प्रमुख लालू प्रसाद खुद अदालत द्वारा सजायाफ्ता हैं, जो चुनाव तक नहीं लड़ सकते है ऐसे में पार्टी में असामाजिक तत्वों पर पार्टी में कोई कैसे अंगूली उठा सकता है ? आरजेडी  के विधायक राजवल्लभ यादव दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद हैं. परंतु इस विधायक के मामले की जांच न कर आरजेडी  का प्रतिनिधिमंडल गया दुष्कर्म के मामले में जांच करने जाता है.

नीरज ने चुटकी लेते हुए कहा कि एक कहावत है, ‘बाढे पूत पिता के धरमे, खेती उपजे अपने करमे’. लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव जी दुष्कर्म मामले की जांच के लिए प्रतिनिधिमंडल तो गया भेज देते हैं, परंतु आरजेडी  की टीम वहां पीड़िता को ही जलील कर आती है. ऐसे मामलों में भी तेजस्वी ने कोई कार्रवाई नहीं की. सत्ता छीन जाने के बाद शराबबंदी नीति का विरोध करने वाली आरजेडी  के प्रदेश महासचिव राजू यादव को पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में शराब की पार्टी करते नशे में मदहोश हालत में पुलिस ने गिरफ्तार किया, परंतु आरजेडी  की राजनीतिक ’बेहयाई’ देखिए, इतने के बाद भी पार्टी ऐसे लोगों पर कारवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है.

नीरज ने आगे एक भोजपुरी की कहावत सुनाते हुए कहा- ‘विधि के लिखल बांव ना जाई’. आज आरजेडी  के लिए यह कहावत पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रहा है. आरजेडी  के सर्वेसर्वा तेजस्वी यादव के लिए अपने भाई तेजप्रताप यादव भी कम मुसीबत नहीं हैं. सार्वजनिक रूप से पार्टी के अंदर असामाजिक तत्वों के रहने की बात करने वाले तेजप्रताप पर भी पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर सकी. वैसे, तेजप्रताप ने जिन असामाजिक लोगों की पार्टी में रहने बात की थी अब इन कारनामों के बाद उन लोगों के चेहरे बिहार के लोगों के सामने आने लगे हैं.उन्होंने ‘तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा कि लालू प्रसाद आपके पिता हो सकते हैं परंतु राजनीति में बिहार की जनता उन्हें करीब 15 साल पूर्व नकार चुकी है. ऐसे में उनके छांव से बाहर निकलकर स्वच्छ राजनीति कीजिए . ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकालिए वरना आरजेडी  पर लगा ’लंपटीकरण’ का टैग नहीं हटेगा’

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