सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विधायकों –विधान पार्षदों को हाईटेक आवास मुहैया कराने के ड्रीम प्रोजेक्ट को उनके विधायक की कंपनी ने ही पलीता लगा दिया है. 2017 में माननीयों को आवास बनाने का निर्णय लिया गया था. विधायकों और विधान पार्षदों के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट तैयार बना और उसे कैबिनेट की मंजूरी मिली.नीतीश कैबिनेट की मंजूरी के बाद माननीयों के बंगला निर्माण के लिए टेंडर हुआ. करीब 350 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाली इस ड्रीम प्रोजेक्ट का काम वित्तीय वर्ष 2017-18 में सत्ताधारी जेडीयू विधायक से जुड़ी कंपनी कशीश डेवलपर्स लिमिटेड को दी गई. उसके बाद विधायक आवासन योजना का काम शुरू हुआ.
लेकिन समय बीतने के बाद भी विधायक आवास योजना का काम पूरा नहीं हुआ.इतना ही नहीं निर्माण कंपनी कशीश डेवलपर्स ने निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती.भवन निर्माण विभाग की तरफ से कई बार कंपनी को चेतावनी भी दी गई लेकिन कार्य में कोई सुधार नहीं हुआ.कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया. इसके बाद भवन निर्माण विभाग के संरचना प्रमंडल संख्या-2 ने 2 जुलाई 2020 को कंपनी का एकरारनामा रद्द कर दिया.आदेश में कहा गया कि बार बार नोटिस देने के बाद भी कंपनी ने काम शुरू नहीं किया.निर्माण कार्य समाप्त करने की तारीख 1 मई 2019 ही था जिसे बढ़ाकर 1 सितबंर 2020 किया गया था. लेकिन कंपनी काम में दिलचस्पी नहीं दिखा रही थी.
विधान पार्षदों के लिए बने नवनिर्मित आवासीय परिसर में एक डुप्लेक्स की लागत 82.50 लाख है. यह कुल 3050 वर्गफीट में बना है और निर्माण 3681 वर्गफीट का है. ग्राउंड फ्लोर के अतिरिक्त, फस्र्ट और सेकेंड फ्लोर पर विधान पार्षद के लिए रहने की व्यवस्था है. पूरा परिसर 18.56 एकड़ में विकसित किया गया है.लेकिन विधान पार्षदों के निर्माण में भारी गड़बड़ी की बात सामने आई है.इसी बरसात में विधान पार्षदों के आवास से पानी रिस रहा था.कई माननीयों ने तो इसकी शिकायत भी की थी.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट विधायक-विधान पार्षदों के नवनिर्मित आवास के निर्माण में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई.कांग्रेस के एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने जून महीने में पत्र लिखखर विप के आवास निर्माण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा सनसनी फैला दी थी. इस बार की वर्षा ने कमजोर निर्माण की पोल खोल कर रख दी है.न सिर्फ मेरे लिए आवंटित आवास बल्कि अधिकांश सदस्यों के आवास में वर्षा के पानी के कारण बड़े पैमाने पर आये डैम्प के कारण शीलन तथा जहां तहां नव निर्मित मकान से पानी का रिसाव हो रहा है.
यह स्थिति ना सिर्फ चिंताजनक है बल्कि निर्माण कार्य के दौरान विभाग की अनदेखी और लापरवाही बरतने का पर्याप्त प्रमाण है. पूरे निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर गुणवत्ता से समझौता किया गया है और ऐसा प्रतीत होता है कि निर्माण कार्य में सीमेंट की जगह सिर्फ बालू का ही प्रयोग हुआ है.जिस तरह से बाथ रूम, बेड रूम,ड्रॉइंग रूम तथा सभी जगहों से पानी के रिसाव और डैम्प तथा सौ से अधिक स्थानों पर दरार नज़र आने लगा है वह कमजोर निर्माण की पुष्टि करता है.निर्माण कार्य में धांधली की शिकायतों को देखते हुए अब नीतीश सरकार ने अपने दल के विधायक की कंपनी से काम छीन लिया है.
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