सिटी पोस्ट लाइव : बरारी में पुलिस वालों की पिटाई से हुई मौत को लेकर अब राजनीति तेज हो गई है. सत्ता पक्ष इसके लिए पुलिस को दोषी ठहरा रही है तो विपक्ष सीएम नीतीश कुमार पुलिस को संभालने की नसीहत दे रही है. जहां तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक अधिसूचित होते ही पुलिस ने रंगदारी शुरू कर दिया। अनजान CM को तो इस घटना का पता भी नहीं होगा सदन में इस बिल के बारे में झूठ बोल रहे थे। अब सम्भालें अपनी पुलिस को?
वहीं जदयू के गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल ने पुलिस हिरासत में सरकारी कर्मी की मौत पर बोला कि नशे में संजय यादव नहीं, बल्कि बरारी पुलिस थी। नशे में पीट-पीटकर पुलिसवालों ने मारा। पुलिस बेकसूर सरकारी कर्मी को गले में गमछा बांधकर घर से घसीटकर थाने तक लायी। कहा कि बरारी थाने की पुलिस की लापरवाही से संजय यादव की मौत हुई। मृतक की बेटी व परिजन ने जब रोकने की कोशिश की तो उसके साथ भी धक्का-मुक्की की गयी। मृतक बार-बार अपनी सफाई दे रहा था, मगर पुलिस कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं थी।
गोपालपुर विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल शुक्रवार को भागलपुर पुलिस पर जमकर बरसते हुए पुलिस हिरासत में हुई मौत मामले में अपने पूर्व के बयान से मुकरते हुए शुक्रवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह रिपोर्ट अधिकारियों के दबाव में दिया गया है। नेचुरल डेथ नहीं हुआ है, बल्कि गला दबने से संजय यादव की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद जब थाना पहुंचे तो वहां पर कोई नहीं था। एक मजिस्ट्रेट और बाद में थाने का मुंशी आया, मगर घटना के बारे में कोई कुछ बताने के लिए तैयार नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में संलिप्त वरीय अधिकारी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। अपने दिए बयान के बाद जब विधायक मृतक के घर पहुंचे थे तो उन्हें परिवारवालों ने काफी खरी-खोटी सुनायी। साथ ही विधायक ने कहा कि इस पूरे मामले में वह मुख्यमंत्री और डीजीपी से मिलकर शिकायत करेंगे। उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए 20 लाख के मुआवजे की मांग की। साथ ही अनुकंपा के आधार पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की है। विधायक दल की बैठक में भी इस मुद्दे को उठायेंगे।
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