प्रशांत किशोर ने फिर फोड़ा बम, बगावत के मूड में JDU के अल्पसंख्यक विधायक.
सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष देश के जानेमाने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अपनी पार्टी के निशाने पर आ चुके हैं. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी लाइन से अलग कोई बयान नहीं देने की नसीहत उन्हें दे दी है.लेकिन प्राशंत किशोर आरपार के मूड में दिखाई दे रहे हैं.प्रशांत किशोर ने पार्टी के खिलाफ जो लाइन लिया है उससे पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.नागरिकता संशोधन बिल को लेकरर प्रशांत किशोर लगातार सीएम नीतीश कमार को घेर रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने गुरुवार की सुबर फिर से नागरिकता संशोधन विधेयक पर सवालिया निशाना उठाया है. प्रशांत किशोर ने ट्ववीट कर लिखा है कि ‘हमें बताया गया है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक किसी की नागरिकता छिनने के लिए नहीं, बल्कि लोगों को नागरिकता देने के लिए है. लेकिन सच्चाई यह है कि NRC और यह सरकार के हाथ में एक ऐसा घातक जोड़ हो सकता है जिसके ज़रिए धर्म के आधार पर लोगों से भेदभाव और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है.
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन बिल को लेकर शुरू से ही पार्टी के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन राज्यसभा में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करके यह साबित कर दिया कि सीएम नीतीश कुमार पीके की बातों को नोटिस तक नहीं कर रहे हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) पर जेडीयू (JDU)के अचानक बदले स्टैंड ने पार्टी के भीतर बड़ी हलचल मचा दी है. लोकसभा के बाद राज्यसभा में खुलकर समर्थन करने को लेकर बिहार के अल्पसंख्यक नेताओं (Minority leaders) की नाराजगी खुलकर जाहिर हो रही है. जेडीयू के बदले स्टैंड को लेकर पार्टी के चारों अल्पसंख्यक विधायक सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मिलने वाले हैं.गौरतलब है कि जेडीयू नेता गुलाम गौस और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी अपना विरोध जताया है.
किशनगंज के कोचाधामन से जेडीयू एमएलए मुजाहिद आलम ने कहा कि हमने अपने लोगों की राय ली और अपनी बात पार्टी को भी बताई है. हमारे लोगों में जेडीयू के स्टैंड को लेकर काफी नाराजगी है. बदली स्थिति में मेरे लिए लोगों को समझाना काफी मुश्किल हो रहा है. हालांकि उन्होंने खुलकर तो नहीं कहा, लेकिन इशारों में जरूर कहा कि ऐसी स्थिति में जेडीयू के साथ उनकी सियासत चलनी मुश्किल है.
माना जा रहा है कि किशनगंज समेत पूरे सीमांचल में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के बढ़ते प्रभाव के कारण मुजाहिद आलम को अब ये डर लगने लगा है कि इस एक फैसले से उनकी सियासी जमीन खिसक सकती है. ऐसे में वे सीएम नीतीश कुमार से मिलने के बाद ही कोई रणनीति तय करेंगे.किशनगंज के ही ठाकुरगंज से विधायक नौशाद आलम भी मुजाहिद आलम की बात से सहमत हैं. वे कहते हैं कि सीमांचल की सियासत के लिए जेडीयू का ये स्टैंड घातक साबित होने वाला है. सिकटा के विधायक फिरोज अहमद ने कहा कि फिलहाल इस मामले पर उनका बोलना उचित नहीं है क्योंकि उनका बयान सांप्रदायिक रंग भी ले सकता है.
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