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RJD के तीन दर्जन से ज्यादा सीटों पर JDU की नजर, RJD के विधायक बदल सकते हैं पाला

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RJD के तीन दर्जन से ज्यादा सीटों पर JDU की नजर, RJD के विधायक बदल सकते हैं पाला

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) से पहले बिहार में बड़ा उथल-पुथल मच सकता है.सूत्रों के अनुसार JDU-BJP और RJD समेत सभी दलों के विधायक इसबार नए गठबंधन के बाद यानी JDU के फिर से BJP के साथ चले जाने के बाद नए सिरे से दल और सीट के जुगाड़ में जुट गए हैं. JDU की नजर RJD  की जीती हुई सीटों पर है.JDU-RJD दोनों दलों के विधायक एक दूसरे  दल के नेताओं के संपर्क में हैं.

2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के साथ गठबंधन होने की वजह से जेडीयू जहां से उम्मीदवार नहीं उतार पाया था, वहां नीतीश की वजह से तेजस्‍वी यादव की पार्टी की जीत मिली थी. जबकि अब समीकरण बदल गए हैं. अब मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एनडीए का हिस्‍सा हैं. यही वजह है कि जेडीयू की नजर आरजेडी की जीती हुई सीटों पर है.  जेडीयू जब 2015 में महागठबंधन में था, तब उसके खिलाफ बीजेपी थी और जिन सीटों पर जेडीयू हारा वहां अधिकांश सीटों पर बीजेपी का कब्‍जा है. अब जब बीजेपी से गठबंधन है तो सिटिंग गेटिंग का फॉर्मूला लागू हुआ तो जेडीयू चाह कर बहुत ज़्यादा सीट नहीं ले पाएगी. हालांकि कुछ सीट पर अदला बदली जरूर हो सकती है और ऐसे में नीतीश को आरजेडी के विधायकों के साथ संपर्क का फायदा मिल सकता है. सूत्र बताते हैं कि जेडीयू अंदरखाने इस पर काम शुरू भी कर चुका है.

जेडीयू की नजर आरजेडी की उन सीटों पर है, जहाँ का जातीय समीकरण उसके अनुकूल है. महागठबंधन को 2015 में मिली जीत के कई कारन गिनाये जाते हैं लेकिन सबसे बड़ी वजह आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण की समीक्षा वाला बयान था.लालू यादव ने भगवत के बयान को आधार बनाकर आरक्षण को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया था. नीतीश कुमार की सुशासन कुमार की छवि भीइस जीत की एक बड़ी वजह  थी.इसबार न तो आरक्षण कोई बड़ा मुद्दा है और ना ही नीतीश कुमार लालू यादव के साथ हैं.ऐसे में सामाजिक और जातीय दोनों तरह के समीकरण बदल गए हैं. नागरिकता संशोधन कानून की वजह से RJD के पक्ष में अल्पसंख्यकों की गोलबंदी है तो उसी कानून को लेकर हिन्दुओं का ध्रुवीकरण भी NDA के पक्ष में हो सकता है, जिसका लाभ चुनाव में JDU को मिलेगा.

RJD के एक वरिष्ठ नेता को भी आशंका है कि मार्च में विधान सभा के सत्र के बाद बिहार में बड़े पैमाने पर विधायक दल बदल कर सकते हैं.किस पार्टी के ज्यादा विधायक तुतेगें ये तो अभी कह पाना मुश्किल है लेकिन इतना तय है कि BJP-JDU के गठजोड़ की वजह से NDA के विधायकों के टूटने की संभावना बहुत कम होगी.JDU के एक नेता के अनुसार 30 से ज्यादा RJD के विधायक पार्टी छोड़ देगें अगर JDU उन्हें अपना टिकट देने का वादा कर दे तो.लेकिन JDU के सामने BJP से ज्यादा से ज्यादा सीटें लेने की चुनौती है. JDU के पास ज्यादा सीटें होगीं तभी वो RJD के ज्यादा विधायकों को मौका दे पायेगा.

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