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नीतीश कुमार के करीबी मंजीत सिंह को RJD में जाने से रोकने में जुटा JDU

मंजीत सिंह तेजस्वी यादव से मुलाक़ात कर 3 जुलाई को RJD में शामिल हो जाने का कर चुके हैं ऐलान.

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सिटी पोस्ट लाइव: बिहार की सियासत में LJP में टूट के बाद से ही लगातार उथल-पुथल जारी है. JDU के पूर्व विधायक मंजीत सिंह (JDU Leader Manjit Singh) अपने समर्थकों के साथ 3 जुलाई को RJD में शामिल हो जाएंगे. मंजित सिंह ने दो दिन पहले ही तेजस्वी यादव से पटना आवास पर आकर मुलाक़ात की थी और तीन जुलाई को पूरे धमक से राजद (RJD) में शामिल होने की घोषणा भी कर चुके थे. लेकिन इसी बीच राजनीतिक घटना क्रम तेजी से बदला और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के दिल्ली से पटना लौटते ही मंजीत को रोकने के लिए JDU की पूरी टीम उतर चुकी है.

मंजीत सिंह नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं. लेकिन विधान सभा चुनाव में टिकेट नहीं मिलने से वो नाराज चल रहे हैं.लेकिन नीतीश कुमार मंजीत सिंह को JDU से जाने नहीं देना चाहते हैं. नीतीश ने तुरंत मंजीत सिंह के करीबी नेताओं लेसी सिंह और जय कुमार सिंह को मंजीत singh को किसी भी कीमत पर JDU से बाहर जाने से रोकने का निर्देश दिया है.नीतीश कुमार के निर्देश पर मंत्री लेसी सिंह रातो रात गोपालगंज में बैकुंठपुर में मंजित सिंह के आवास पर पहुंच गईं.पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह और JDU के वरिष्ठ नेता और मंजीत सिंह के रिश्तेदार राणा रणधीर सिंह भी गोपालगंज पहुंचे और मंजीत सिंह तक नीतीश कुमार का संदेश दे उन्हें राजद में शामिल नहीं होने पर राजी करने में जुट गए.

लेसी सिंह ने कहा कि मंजीत सिंह से मुलाक़ात हो गई है. थोड़ी नाराज़गी थी लेकिन मंजीत सिंह मान जाएंगे. वहीं पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने बताया की मंजीत सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी रहे हैं और नीतीश कुमार के प्रति मंजीत सिंह का लगाव भी रहा है. थोड़ी बहुत शिकायत थी लेकिन मंजीत सिंह की शिकायत को दूर कर दी जाएगी. मंजीत सिंह JDU से बाहर नहीं जाएंगे.दरअसल मंजीत सिंह को 2020 के विधानसभा चुनाव में JDU का टिकट नही मिला. गठबंधन की वजह से बैकुंठपुर की सीट भाजपा के खाते में चली गई. भाजपा उम्मीदवार के हार की वजह मंजीत सिंह ही बने जो JDU से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गए और लगभग चालीस हज़ार वोट लाकर चुनाव तो हार गए लेकिन उनकी वजह से भाजपा उम्मीदवार हार गया और राजद उम्मीदवार चुनाव जीत गया.

मंजीत सिंह की राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है. उनके पिता की गोपालगंज की सियासत में अच्छी पकड़ थी .वो भी नीतीश कुमार के बेहद खास माने जाते थे. मंजीत सिंह भी अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे थे. अपने पिता की विधानसभा सीट बैकुंठपुर से विधायक भी बने लेकिन 2020 में जब उन्हें JDU का टिकट नहीं मिला तो उनकी नाराज़गी बढ़ गई थी. बहरहाल अभी तक मंजीत सिंह ने कुछ भी साफ नहीं कहा है लेकिन जेडीयू के सूत्रों की मानें तो खुद नीतीश कुमार ने भी मंजीत सिंह से बात की है जिसके बाद से ये माना जा रहा है कि मंजीत फिलहाल जेडीयू में ही रहेंगे.

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