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JDU ने छेड़ा फिर से विशेष राज्य के दर्जा की मांग, जानिये क्या है मकसद?

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सिटी पोस्ट लाइव :अभी से नीतीश कुमार ने लोक सभा चुनाव की तैयारे शुरू कर दी है.एकबार फिर से उनकी पार्टी जेडीयू ने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग तेज कर दी है.जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी और उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर से कहा है कि बिहार अपने संसाधन के बूते विकास कर रहा लेकिन जब तक केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देती है तब तक वास्तविक विकास नहीं हो सकता.राजनीतिक पंडितों के अनुसार आगामी लोक सभा चुनाव में बीजेपी को दबाव में लेने के लिए जेडीयू विशेष दर्जा के मुद्दे को जोरशोर से उठाने की तैयारी कर रही है.

पूर्व सीएम मांझी भी इस मुद्दे की अहमियत समझते हैं.उन्होंने बिहार के लिए स्पेशल स्टेटस का दर्जा देने की मांग कर दी है. मांझी ने कहा कि कम संसाधनों के बावजूद नीतीश कुमार ने बिहार के बदतर क़ानून व्यवस्था और बेहाल शिक्षा महकमे को दुरुस्त करने में अपनी पुरी ताक़त लगा दी है. अब आधारभूत संरचना को ठीक करने के लिए विशेष राज्य के दर्जे की ज़रूरत है।डबल इंजन की सरकार में विशेष दर्जा नहीं मिला तो कभी नहीं मिलेगा.गौरतलब है कि नीति आयोग ने दो दिन पहले एसडीजी इंडिया इंडेक्स SDG india index जारी किया था. इस इंडेक्स से पता चलता है कि विकास के पायदान पर कौन राज्य पिछले साल के मुकाबले कहां पहुंचा है.साथ ही यह भी पता चलता है कि पिछले एक साल में राज्यों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कितनी प्रगति की है.

फिसड्डी राज्यों की बात करें तो इसमें 5 प्रदेशों का रिकॉर्ड सामने आया है. खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़, नगालैंड और ओडिशा हैं. इन तीनों राज्यों को 61 अंक मिला है. उसके बाद के पायदान पर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं. इन्हें 60 अंक मिला है. फिसड्डी राज्यों में असम, झारखंड और बिहार जैसे राज्य हैं. बिहार 52 अंकों के साथ विकास की रफ्तार में सबसे पीछे है. उसके बाद ही झारखंड, असम, यूपी, राजस्थान, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, नगालैंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आते हैं.

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