सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि कानून को रद्द करने की घोषणा बाद जन अधिकार पार्टी ने जीत का जश्न मनाया। मंदिरी स्थित जाप कार्यालय से प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा की अगुवाई में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय मंदिरी से डांक बंगला चौराहे तक मार्च निकाल कर खुशी का इजहार किया। प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा ने इसे किसानों की जीत बताते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों की एकता के सामने झुकना पड़ा.
लगभग 15 महीनों से चल रहे इस आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की मौत हुई है इनकी जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार को लेनी होगी” उन्होंने कहा कि किसानों की मौत को लेकर प्रधान मंत्री को अहंकार छोड कर राष्ट्र के सामने काले कानून के लिए माफी मांगना चाहिए। राष्ट्रीय प्रधान महासचिव रघुपति सिंह ने किसानों की जीत बताते हुए कहा कि जन अधिकार पार्टी आगे भी किसानों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ती रहेगी।
जाप के राष्ट्रीय महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमचन्द सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री पूंजीपतियों के हाथों में देश के किसानी को देना चाहते हैं। केंद्र सरकार पूंजीपतियों की लठैत बनकर अन्न दाता के ऊपर गोलियां चलाई. अन्न दाता को आतंकवादी, खालिस्तानी और तो देशद्रोही कहने वाली इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई नैतिक आधार नहीं हैं। राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पाप्पू ने कहा कि अगर सरकार किसानों के प्रति गम्भीर है तो इसे तुरंत संसद का आपातकालीन सत्र को बुलाकर संसद में इस कानून को रद्द करें। साथ ही केंद्र सरकार किसानों के कर्ज को माफ कर उनपर लगे फर्जी मुकदमें को वापस करें।
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