सहरसा : एम्स निर्माण को लेकर जाप कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, जमकर मचाया उत्पात
बन्द समर्थकों ने बाजार बंद के नाम पर जमकर मचाये उत्पात
सहरसा : एम्स निर्माण को लेकर जाप कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी, जमकर मचाया उत्पात
सिटी पोस्ट लाइव : कोसी इलाके के जनमानस की आवाज है कि खबरदार हो जाओ हुक्मरान सहरसा में कराओ एम्स निर्माण। बीते कई वर्षों से सहरसा के कई सामाजिक संगठन सहरसा जिला मुख्यालय के बंगाली बाजार में ओवरब्रिज और एम्स निर्माण के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच में आज पप्पू यादव के निर्देश पर जाप कार्यकर्ताओं ने एम्स का निर्माण सहरसा में हो, इसके लिए सहरसा बाजार को पूरी तरह से बन्द करवा दिया। सुबह से जाप कार्यकर्ता अलग-अलग टोली बनाकर और लाठी-डंडे, हॉकी स्टिक आदि से लैस होकर जिला मुख्यालय स्थित विभिन्य बाजारों की दुकानों को जबरन बन्द कराते रहे।
निश्चित रूप से यह बन्दी बेहद असरदार रही लेकिन इस बन्दी में जाप कार्यकर्ताओं ने जमकर गुदागर्दी की और कई दुकानदार सहित राहगीरों की भी पिटाई की। जामकर्ता निहायत गंदे तरीके से लोगों से पेश आ रहे थे। सड़कों पर लग रहा था कि गुंडे और मवालियों की रेस चल रही हो। जाम कार्यकर्ताओं ने रिफ्यूजी चौक के समीप स्थानीय एक कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर के. एन.सिंह का हॉकी स्टिक से सर फोड़ डाला। खून से लथपथ श्री सिंह को तत्काल लोगों ने ईलाज के लिए अस्पताल ले जाना चाहा लेकिन वे ईलाज नहीं कराएंगे की जिद पर अड़े रहे। उनका कहना था कि जाप के राष्ट्रीय संरक्षक पप्पू यादव आएं और उन्हें बताएं कि उनके कार्यकर्ताओं ने उन्हें किस बात की सजा दी है।
बताना लाजिमी है कि सहरसा में एम्स के निर्माण के लिए सहरसा के कई सामाजिक संगठन जहाँ विगत कई वर्षों से अलग-अलग आंदोलन करते रहे हैं वहीँ हालिया दिनों में सारे संगठन एक मंच पर आकर उग्र आंदोलन कर रहे हैं। सहरसा में एम्स निर्माण के लिए जरूरत की जमीन उपलब्ध है जिसकी लिखित जानकारी सहरसा के पूर्व जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने सरकार को दे रखी है। ऐसे में अचानक एम्स का निर्माण दरभंगा में होगा के शगूफे से कोसीवासी खासे नाराज हैं। आगामी 21 नवम्बर को सूबे के मुखिया नीतीश कुमार सहरसा आ रहे हैं। कयास यह लगाया जा रहा है कि उन्हें जनता के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।
इधर पप्पू यादव की ज्यादातर घोषणाएं फुस्स होकर रह गयी हैं। इलाके के लोगों को मधेपुरा सांसद पप्पू यादव की किसी बात पर अब भरोसा नहीं है। लोगों के बदले तेवर को देखकर पप्पू यादव ने एम्स के मुद्दे को लपककर आंदोलन का विगुल फूंक दिया है। आज की बाजारबन्दी उसी आंदोलन का एक हिस्सा है। पप्पू यादव एम्स के मुद्दे पर जनता का समर्थन पाने की जुगत में हैं। पप्पू यादव की राजनीतिक नाव अभी जमीन पर रखी हुई है। राजद में नो एंट्री, तो भाजपा को पप्पू यादव से बदबू आ रही है।
कांग्रेस भी पप्पू से बच रही है। रही बात शरद यादव की, तो वे पप्पू यादव को देखना भी पसंद नहीं करते हैं। अब बेचारे पप्पू करें तो करें क्या? लाचार और बेबस पप्पू यादव अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए एम्स निर्माण के लिए आंदोलन का बड़ा हिस्सा बनना चाहते हैं। वैसे एम्स का निर्माण दरभंगा में ही होगा, इसकी कोई विधिवत घोषणा नहीं हुई है। रही बात आज की बाजार बन्दी की, तो बन्दी कारगर और सफल रही लेकिन बन्दी के दौरान हुई गुंडागर्दी ने इस बन्दी को दागदार बना डाला।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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