सिटी पोस्ट लाइव : झारखण्ड विकास मोर्चा के मीडिया प्रभारी पंकज पाण्डेय ने आज कहा की भाजपा सरकार अबतक की सबसे तानाशाही सरकार है जो हमेशा जनहित के बजाय स्वहित को ध्यान में रखकर फैसले करती है। सुर्खियों में बने रहने के लिए लालायित भाजपा सरकार हमेशा अपने फैसलों से जनता का आर्थिक दोहन करती आयी है ।अभी देश की जनता नोटबंदी और जीएसटी की मार से उबर ही रही थी की एक बार फिर मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल की आड़ में देश की जनता पर 1 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ डाल दिया । पंकज पाण्डेय ने कहा कि पेट्रोल-डीज़ल की बेहद ऊँची कीमतों पर जनता की नाराजगी से डरकर मोदी सरकार ने सेंट्रल एक्साइज में 1.50 रूपए की कटौती की तथा तेल कम्पनियों को 1 रूपए की कटौती करने का आदेश दिया जिसके कारण शेयर बाजार में आम निवेशकों के 48 हजार करोड़ और सरकार के 55 हजार करोड़ रूपए जो की जनता के पैसे थे, महज 1 घंटे में स्वाहा हो गये । उन्होंने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीज़ल पर लगने वाले एक्साइज टैक्स में 9 रूपए से ज्यादा की बड़ोतरी की थी तो अगर इसी टैक्स में 2.50 रूपए प्रतिलीटर की कटौती की जाती तो अगले वित्त वर्ष के अंत तक यानि 6 महीने में सरकार को 10 हजार करोड़ के बजाय 17 हजार करोड़ रूपए का घाटा होता अर्थात महज 7 हजार करोड़ बचाने के चक्कर में मोदी सरकार ने जनता के 1 लाख करोड़ फूँक दिए। इसका मतलब या तो मोदी सरकार का गणित कमजोर है या फिर अपनी आत्ममुग्धता में मोदी जी देश की अर्थव्यवस्था के बड़े फैसले भी चाय पर चर्चा के दौरान मिनटों में ले लेते हैं। सरकार को आगे आकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि किसकी सहमती से या किसके आदेश से यह बेतुका और गैरजिम्मेदाराना फैसला लिया गया तथा पहले से ही नोटबंदी एवं जीएसटी की आर्थिक मार झेल रही जनता को 1 लाख करोड़ के गर्त में डालने का गुनाहगार आखिर कौन है ?
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