सिटी पोस्ट लाइव : 23 मार्च को बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में हुए बवाल को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) काफी गंभीर हैं.उन्होंने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी को विधायकों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों (policemen) की पहचान कर उनके खिलाफ पर संज्ञान लेने का निर्देश दिया है.
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के व्यवहार की भी समीक्षा करने और उनके खिलाफ कारवाई करने का संकेत दिया है. उस दिन के वीडियो फुटेज और सीसीटीवी विधानसभा की आचार समिति को सौंपने का निर्णय किया है.गौरतलब है कि 23 मार्च को विधानसभा में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 बिल लाया गया था, जिसके विरोध में आरजेडी विधायकों ने विधानसभा ने जमकर हंगामा मचाया था. आरजेडी विधायकों ने बिल की कॉपी फाड़कर विधानसभा अध्यक्ष के ऊपर फेंक दी थी. तब सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.
बाद में आरजेडी विधायकों ने विधानसभा में रिपोर्टिंग टेबल तोड़ डाली थी. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही बंद करनी पड़ी. इससे पहले आरजेडी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को उनके चैंबर में बंधक बना लिया था. 4 बजे से शुरू होने वाले कार्यवाही के लिए विधानसभा अध्यक्ष निकलना चाह रहे थे, लेकिन आरजेडी विधायक चैंबर के दरवाजे पर जाकर बैठ गए और सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोका.
आरजेडी विधायक जब मनाने के बावजूद नहीं माने तो विधानसभा में डीएम और एसपी बुलाए गए. डीएम एमपी ने बागी विधायकों को समझाने की कोशिश की लेकिन डीएम-एसपी से भी विधायकों ने हाथापाई शुरू कर दी. बाद में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को सदन के भीतर बुलाया गया. आरजेडी विधायकों जब विधानसभा अध्यक्ष को बाहर नहीं आने दिया तो मार्शल को विधायकों को हटाने का निर्देश दिया गया. विधायकों के नहीं हटने पर मार्शल ने कई विधायकों को पैर-हाथ पकड़कर सदन के बाहर फेंका. विधायकों का कहना है कि पुलिस ने सदन के भीतर पिटाई भी की.
आरजेडी विधायकों को सदन के बाहर हटाने के बाद सदन की कार्यवाही एकबार फिर शुरू हुई. इस बार आरजेडी महिला विधायकों ने आसन के ऊपर चढ़कर विधानसभा अध्यक्ष को कार्यवाही से रोकने की कोशिश की. महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें भी जबरन बाहर निकाला.
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