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जगदानंद सिंह के एकतरफा ऐलान से महागठबंधन में घमाशान शुरू.

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जगदानंद सिंह के एकतरफा ऐलान से महागठबंधन में घमाशान शुरू.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में महागठबंधन में घमाशान जारी है.एक तरफ घटक दल कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने और सारे फैसले सबकी सहमति से लेने की मांग कर रहे हैं दूसरी तरफ RJD लगातार एकतरफा फैसला ले रहा है.RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कोआर्डिनेशन कमिटी बनाने की सहयोगी दलों की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने ऐलान कर दिया  है कि लालू यादव ही बिहार मिशन-2020 के को-ऑर्डिनेटर होंगे. सिंह का कहना है कि चूंकि लालू यादव के पास राजनीति का न सिर्फ पुराना तज़ुर्बा है, बल्कि वे ही सबसे बड़ी पार्टी के नेता भी हैं.

जगदानंद सिंह ने कहा कि जब झारखण्ड में हेमंत सोरेन ने लालू यादव को  को-ऑर्डिनेटर मान लिया था, तो बिहार में भी हमारे सहयोगियों को कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए. जगदानंद सिंह ने महागठबंधन के सहयोगियों को ताकीद करते हुए कहा कि अगर किसी को इसपर आपत्ति है, तो वो खुद फैसला करें क्योंकि हम अपने फैसले पर अडिग हैं. हम सबसे बड़ी पार्टी के साथ सदन में सबसे ज्यादा संख्या भी रखते हैं, फिर हमारा दावा सौ फीसदी सही है.

जगदानंद सिंह ने कहा कि जिस तरह से  झारखंड में जीत दिलाई लालू जी ने उसी तरह से वो बिहार में भी जीत दिलायेगें.उन्होंने कहा कि जिस तरह से लालू ने झारखंड में महागठबंधन (Mahagathbandhan) को एकजुट रखा, जिसके कारण झारखंड में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की सरकार बनी. इसी आधार पर आरजेडी (RJD) ने लालू को बिहार की भी जिम्मेदारी सौंप दी है.

जगदानंद सिंह तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को  महागठबंधन का मुख्यमंत्री भी प्रोजेक्ट कर दिया. जगदानन्द सिंह ने दलील दी है कि तेजस्वी अभी सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं. जो प्रतिपक्ष का नेता होता है, सदन का नेता बनने का दावा सबसे पहले उसी को होता है. जगदानंद सिंह ने कहा कि आरजेडी ने यह तय भी कर लिया है कि पार्टी की तरफ से तेजस्वी ही मुख्यमंत्री होंगे. सिंह ने आगे कहा कि तेजस्वी अपने मिशन पर 16 जनवरी से निकल रहे हैं. बिहार की जनता उन्हें अपना नेता मान चुकी है, इसमें किसी को ऐतराज नहीं होना चाहिए.

जगदानंद सिंह का यह एकतरफा फैसला सहयोगी दलों को रास नहीं आ रहा है. महागठबंधन में  इसका विरोध शुरू हो गया है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि इस तरह का एकतरफा फैसला बर्दाश्त नहीं. कोई भी फैसला गठबंधन की आम सहमति से होना चाहिए.  कांग्रेस  नेता प्रेमचन्द मिश्रा ने भी RJD के इस फॉर्मूला को बेहद काल्पनिक बता दिया है.उन्होंने कहा कि ये फैसला  कांग्रेस को स्वीकार नहीं.

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