तेजप्रताप के खिलाफ कार्रवाई के लिए पार्टी पर बढ़ रहा दबाव, फैसला ले सकती है राजद-सूत्र
सिटी पोस्ट लाइवः लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के खिलाफ राजद का एक धड़ा मुखर हो गया है। सूत्र बताते हैं कि तेजप्रताप यादव के खिलाफ अब कार्रवाई की मांग पार्टी के अंदर उठने लगी है। हांलाकि जिस तरह से तेजप्रताप ने अपनी हीं पार्टी के कई बड़े नेता और कुछ प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था उससे यह माना जा रहा था कि पार्टी तेजप्रताप यादव पर कार्रवाई कर सकती है। पार्टी के कुछ नेताओं ने संकेत भी दिये थे कि तेजप्रताप यादव पर कार्रवाई होगी। लेकिन बाद में ऐसा नहीं हुआ।
लेकिन जिस तरीके से तेजप्रताप यादव लगातार बागी तेवर अपनाए रहे हैं और अपनी हीं पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार किया है, उन्हें हराने के लिए अभियान चलाया है उससे उनकी मुश्किलें अब बढ़ सकती है क्योंकि अब जो खबर है उसके मुताबिक तेजप्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई के लिए पार्टी पर दबाव बढ़ने लगा है। उन्होंने सारण से अपने ससुर और राजद प्रत्याशी चंद्रिका राय के खिलाफ प्रचार किया, उन्हें बहरूपिया बताया और लोगों से उन्हें वोट नहीं देने की अपील की। सबसे अहम जहानाबाद सीट है जहां राजद का खाता खुल सकता था लेकिन तेजप्रताप सबसे बड़ी वजह बताए जा रहे हैं जिनकी वजह से राजद की उम्मीद जहानबाद में भी ढह गयी।
जेडीयू उम्मीदवार चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने राजद उम्मीदवार सुरेन्द्र यादव को 1711 वोटों से हरा दिया। सवाल है कि क्या तेजप्रताप यादव ने सुरेन्द्र यादव को हरवाया? यह सवाल इसलिए है क्योंकि सुरेन्द्र यादव सिर्फ 1711 वोटों से हारे हैं। सुरेन्द्र यादव के खिलाफ तेजप्रताप यादव ने जिस चंद्रप्रकाश को मैदान में उतारा था उन्हें 8 हजार वोट मिले जाहिर है यह वोट राजद के हिस्से का हीं था जिसमें तेजप्रताप यादव के उम्मीदवार ने सेंधमारी कर ली। माना जा रहा है कि अगर तेजप्रताप यादव ने जहानाबाद से अपने उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा होता और सुरेन्द्र यादव के खिलाफ प्रचार नहीं किया होता तो शायद सुरेन्द्र यादव बेहद कम अंतर से हीं सही लेकिन उनकी जीत हो गयी होती।
तेजप्रताप पूरे चुनाव के दौरान सुरेन्द्र यादव पर हमलावर रहे। उन्हें अपराधी, हथियार का तस्कर भगोड़ा सबकुछ कहा। अगर सुरेन्द्र यादव जहानाबाद से जीतते तो बिहार में राजद का खाता खुल गया होता लेकिन तेजप्रताप यादव ने जिस तरीके से सुरेन्द्र यादव की राह मुश्किल की उससे उनकी अपनी हीं पार्टी का खाता नहीं खुल सका। जाहिर तेजप्रताप यादव ने अपने भाई तेजस्वी यादव की राह भी मुश्किल कर दी है। क्योंकि बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के बावजूद राजद का खाता नहीं खुल सका और कांग्रेस अपना खाता खोलने में कामयाब रही। जहानाबाद में सुरेन्द्र यादव जीत के करीब थे लेकिन तेजप्रताप के उम्मीदवार चंद्रप्रकाश यादव ने उनका गणित बिगाड़ दिया।
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