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हेमंत ने जेपीएससी में किया था स्थानीय भाषाओं का वेटेज कम : भाजपा

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हेमंत ने जेपीएससी में किया था स्थानीय भाषाओं का वेटेज कम : भाजपा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर प्रहार करते हुए कहा कि जब हेमंत मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने जेपीएससी की परीक्षा में सीसैट परीक्षा प्रणाली लागू कर दी थी। यह परीक्षा प्रणाली यहां के स्थानीय छात्रों के बिल्कुल प्रतिकूल थी और इस परीक्षा प्रणाली के कारण बाहर के छात्रों की राह ज्यादा आसान हो गई थी। बाद में रघुवर दास के नेतृत्व वाली सरकार ने इस आदिवासी- मूलवासी विरोधी परीक्षा प्रणाली को हटाया। तब विधानसभा में हेमंत सोरेन ने माना था कि उनसे गलती हो गई थी। उस समय भाजपा विधायकों ने तंज कसा था कि और कितनी गलतियां हुई हैं हेमंत सोरेन को वो भी बताना चाहिए। प्रवक्ता शाहदेव ने कहा कि हेमंत सोरेन के कार्यकाल में ही स्थानीय भाषाओं का जेपीएससी में में वेटेज कम कर दिया गया था। इसका सीधा नुकसान यहां के आदिवासी-मूलवासी और स्थानीय छात्रों को हुआ था। उस समय हेमंत सोरेन ने आदिवासी मूल निवासी के हितों की तिलांजलि दे दी थी। बाद में रघुवर दास ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सरयू राय की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई। उसकी रिपोर्ट के आधार मुख्यमंत्री दास ने सभी परीक्षाओं में झारखंड की स्थानीय भाषाओं के वेटेज को वापस लागू किया। शाहदेव ने आरोप लगाया कि आज हेमंत सोरेन आदिवासी-मूलवासियों के हितैषी बनने का फ़र्ज़ी दम्भ भर रहे हैं। उस समय उनके सूर क्यों बदल गए थे, जब वह खुद मुख्यमंत्री थे। उन्होंने परीक्षा में आदिवासी -मूलवासी विरोधी प्रणाली लागू की थी। उन्होंने हेमंत सोरेन से जानना चाहा की सत्ता में आते ही उनका चेहरा आदिवासी-मूलवासी विरोधी क्यों हो जाता है और विपक्ष में आते ही ये रूप क्यों बदल जाता है। शाहदेव ने कहा राजनीति जीवन में यह दोहरा चरित्र नहीं चलता।

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