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जमीन मामले की विसंगतियों को सरकार दूर करे : बंधु तिर्की

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जमीन मामले की विसंगतियों को सरकार दूर करे : बंधु तिर्की

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के मांडर विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य बनने के 19 वर्ष बाद पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 28 विधानसभा क्षेत्र में से 26 सीट पर भाजपा के खिलाफ आदिवासियों ने खुलकर वोट किया। इससे साफ जाहिर है कि पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों में कितना आक्रोश है। तिर्की शुक्रवार को लालपुर स्थित होटल लैंडमार्क में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने पेसा कानून को लागू करने के लिए न्यायसंगत नियम नहीं बनाया। उल्टे पेसा कानून की मूल भावना के विपरीत ग्राम विकास समिति, आदिवासी विकास समिति बनाकर संवैधानिक संस्था ग्राम सभा को कमजोर करने एवं प्रभावहीन बनाने का आदिवासी विरोधी काम किया, जिससे आदिवासी समाज में आक्रोश है। प्रदेश में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन कहने से नहीं होगा। जमीन मामले में जो विसंगतियां हैं, उसे सरकार को एक समयसीमा के अंदर दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जो लैंड बैंक बनायी है, उसकी समीक्षा की जाये। जमीन मामले में लोगों को समस्या हो रही है। तिर्की ने कहा कि इसपर एक आयोग का गठन होना चाहिए। आयोग में जमीन के विशेषज्ञ शामिल किये जायें। आयोग छह माह या एक साल के अंदर रिपोर्ट जमा करें। उसी के मुताबिक ठीक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में जमीन की लूट हुई है। अगर ऐसा नहीं होगा तो आदिवासियों में असंतोष पैदा होगा। अभी जो पदाधिकारी हैं, उन्हें जमीन से संबंधित जानकारी नहीं है।

तिर्की ने कहा कि हम हेमंत सरकार से मांग करते हैं कि 13 मार्च 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में जो निर्णय हुआ कमल क्लब, आदिवासी विकास समिति, ग्रामीण विकास समिति अविलंब भंग हो। उन्होंने कहा कि ट्राइबल सब प्लान-शिड्यूल एरिया का सब प्लान की राशि का डायवर्सन रोकना है। आदिवासियों के विकास के लिए एक टीम बनाकर अध्ययन की जरूरत है। सही तरीके से राशि खर्च नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि मुर्गी पालन, बकरी पालन से विकास नहीं होने वाला है। सही तरीके से पैसे का उपयोग हो। उन्होंने कहा कि हम हेमंत सोरेन से मांग करते हैं कि इस दिशा में पहल की जाये। पांचवीं और छठीं अनुसूची में जो अधिकार है, सरकार उसका पालन करे। उन्होंने कहा कि जो भी शिड्यूल एरिया में कानून बना है, उसका पूरी तरह पालन हो। झारखंड अलग राज्य का जो सपना देखा गया था, वह पूरा हो। गोड्डा में अडाणी पावर प्लांट के संबंध में उन्होंने कहा कि किसानों को न्याय मिलना चाहिए। दिल्ली की तरह झारखंड के स्कूलों में भी केजरीवाल मॉडल लागू करने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासियों को बढ़ाने की आवश्यकता है। जबतक आदिवासी शिक्षित नहीं होंगे, तबतक राज्य का विकास नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली रघुवर सरकार में जो भी काम हुआ है, उसका रिव्यू हो। उन्होंने कहा कि झारखंड में बाहरी लोगों का सर्वे होना चाहिए। ताकि झारखंड के लोगों को इसका लाभ मिले। डबल राशन कार्ड नहीं चलेगा। इससे आने वाले दिनों में आदिवासियों को नुकसान होगा।

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