जेल या अस्पताल जाकर सीट शेयरिंग पर लालू से बातचीत से कांग्रेस को परहेज, जानिए वजह
सिटी पोस्ट लाइवः महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर लालू प्रसाद यादव की अहम भूमिका है। सीट शेयरिंग पर किसी भी फार्मूले पर अंतिम मुहर लालू हीं लगाएंगे यह जगजाहिर है। इसलिए महागठबंधन में शामिल कई दलों के नेताओं ने लालू से रांची के रिम्स जाकर मुलाकात की है लेकिन कांग्रेस को रिम्स जाकर लालू से मिलने में परहेज है। कांग्रेस रांची के रिम्स में लालू से सीट शेयरिंग पर किसी बातचीत से परहेज कर रही है। वजह है एनडीए इन मुलाकातों पर हमलावर है। उसके रुख को देखते हुए कांग्रेस ने तय किया है कि सीटों के समझौते की उसकी कोई बातचीत रांची जेल में नहीं होगी। वैसे उम्मीद जाहिर की जा रही है कि खरमास से पहले लालू के मामले में कोई शुभ समाचार आ सकता है। यह नहीं हुआ तो संवादवाहक के माध्यम से सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी। संवादवाहक की भूमिका में अखिलेश प्रसाद सिंह के अलावा राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह हो सकते हैं। आपको बता दें कि उपेन्द्र कुशवाहा, मुकेश सहनी, शरद यादव सरीखे कई नेता रांची के रिम्स जाकर लालू से मिल चुके हैं। खरमास के बाद बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी लालू से मुलाकात करने वाले हैं।
हांलाकि कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह और डा. शकील अहमद ने भी रांची में लालू से मुलाकात की है। लेकिन, यह महागठबंधन के दूसरे नेताओं की तरह आधिकारिक मुलाकात नहीं थी। मतलब ये दोनों आलाकमान के प्रतिनिधि के तौर पर राजद सुप्रीमो से नहीं मिले। जाहिर है कांग्रेस नहीं चाहती कि कांग्रेस का कोई नेता रिम्स जाकर लालू से मिले और सीट शेयरिंग पर किसी तरह की बातचीत करे इसकी बजाय कांग्रेस की रणनीति यह है कि किसी माध्यम के सहारे सीट शेयरिंग पर राजद या लालू से बातचीत हो। बहरहाल उम्मीद जतायी जा रही है कि सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन मंे भी सबकुछ फाइनल है और खरमास बाद तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
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