राज्यवार जनसंख्या के हिसाब से अल्पसंख्यकों का दर्जा तय करने की गिरिराज की मांग
सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता, केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर बवाली स्टैंड ले लिया है. उन्होंने बीजेपी नेता व वकील अश्विनी की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का समर्थन कर दिया है. जाहिर है गिरिराज सिंह ने हिंदुत्व को लेकर अपना नजरिया बिल्कुल साफ कर दिया है.कट्टर हिंदूवादी छवि के लिए जाना जाने वाले गिरिराज ने एक बार फिर से ट्वीट करते हुए कहां है की अल्पसंख्यकों का दर्जा जनसंख्या के हिसाब से तय होना चाहिए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका में राष्ट्रीय आंकड़े की जगह राज्यवार जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक समुदायों का निर्धारण करने की मांग की गई है. याचिका में केंद्र की 26 साल पुरानी अधिसूचना की वैधता को चुनौती दी गई है.इस अधिसूचना में पांच समुदायों मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक घोषित किया गया है. याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 की धारा 2 (सी) को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. इसी अधिनियम के तहत 23 अक्टूबर 1993 को अधिसूचना जारी की गई थी.
कोर्ट ने इस याचिका की सुनवाई में अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल से सहयोग मांगा है. अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय करते हुए शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अपनी याचिका की प्रति अटार्नी जनरल के कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है.गौरतलब है कि गिरिराज सिंह ने बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका का समर्थन करते हुए कहा है की राज्यवार जनसंख्या के हिसाब से अल्पसंख्यकों के दर्ज तय हो.मतलब जिस राज्य में जिस समुदाय की जनसंख्या ज्यादा हो या कम हो उसके हिसाब से अल्पसंख्यकों के दर्जा तय किया जाय.गिरिराज सिंह के इस बयान को लेकर एकबार फिर से राजनीति गरमाने वाली है.
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