सिटी पोस्ट लाइव, लातेहार: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि संसदीय परंपरा और संवैधानिक व्यवस्था की अनदेखी कर संसद में पारित कृषि संबंधित तीन काले कानूनों के कारण किसानों की एमएसपी छीन ली जाएगी और उन्हें कांट्रेक्ट फॉर्मिंग के जरिये खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजदूर किया जाएगा। उन्हें न दाम मिलेगा, न सम्मान मिलेगा, किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा। राज्यव्यापी विरोध कार्यक्रम के लातेहार में आज संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि जिस प्रधानमंत्री को रबी और खरीफ फसलों में अंतर पता नहीं, वह किसानों का भला क्या खाक करेगा, इसलिए कहा जाता है-नीम हकीम खतरा-ए-जान। उनका ट्वीट पढ़े, उन्हें धान और गेंहू का अंतर पता नहीं है।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नये कृषि कानून से किसान गुलाम बन जाएंगे, संसद में संविधान का गला घोंटा जा रहा है और खेत-खलिहान में मजदूरों की आजीविका का। खेत-खलिहान को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षड़यंत्र किया जा रहा है। हरित क्रांति को हराने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस पूरे देश में अन्नदाता और भाग्यविधाता के साथ अडिग खड़ी है, भाजपा नेताओं की घिनौनी साजिश को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी कसम तो किसानों की खाते है, लेकिन फायदा चंद पूंजीपति मित्रों को पुहंचाते है। मोदी सरकार ने तीन काले कानून के माध्यम से किसान, खेत मजदूर , छोटे दुकानदार, मंडी, मजदूर, मंडी के ट्रांसपोर्टर, मुनीम और छोटे-छोटे कर्मचारियों की आजीविका पर एक क्रूर और कुत्सित हमला बोला है। उन्होंने कहा कि किसान और खेत मजदूरों के भविष्य को रौंद कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन काले कानूनों के माध्यम से किसानों की बदहाली की गाथा लिख डाली है। उन्होंने कहा कि देश के 62करोड़ किसान और खेत-मजदूर और 250 से अधिक संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ अपना विरोध जता रहे है, पार्टी तब तक लड़ाई जारी रखेगी, जब तक इन तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता है।
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