सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के जहानाबाद (Jehanabad)के मखदुमपुर प्रखंड के मंझोस सहित लगभग 5 दर्जन गांव के ग्रामीण मोरहर नदी के बीच जल सत्यग्रह (Jal Satyagraha) शुरू कर दिया है. मोरहर नदी में बांध निर्माण की मांग को लेकर नदी के जल में बैठे किसानों का कहना है कि नदी में पर्याप्त पानी होने के वावजूद नदी के आस-पास के खेत बिन पानी के सूखते जा रहे है. नदी में पानी रहते हुए भी सिंचाई के बिना फसलों के सूख जाने से तबाह हो रहे किसान पिछले दो सालों से सिंचाई की समस्या को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. जब कोई निदान नहीं निकला तो अब वो थक हार कर मोरहर नदी में जल सत्यग्रह शुरू कर दिया है.
किसानों का कहना है कि इस साल अच्छी बारिश होने से मंझौस पंचायत के तकरीबन आधा दर्जन गांव के किसानों ने धान की फसल तो लगा दी, लेकिन जब खेत में सिंचाई की जरूरत है तो बांध नहीं होने से नदी का पानी उनके खेतो में नहीं पहुंच रहा है. सत्यग्रह कर रहे किसानों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों और नेताओं द्वारा उन्हें पिछले कई सालों से घेजन-मंझौस बियर बांध के निर्माण का टेंडर होने और उसके निष्पादन जल्द होने का सब्ज़बाग दिखाया जाता रहा है.
मोरहर नदी गया ज़िला से निकल कर जहानाबाद के मंझौस होते हुए पटना ज़िला के कई सौ एक्कड़ खेतों को सिंचित करती है. इस नदी पर काफी सालों से कच्चा बांध का निर्माण किया जाता था लेकिन पक्के बांध की मांग कई वर्षों से की जा रही है. लेकिन कई सालों की मांग के बावजूद सरकार और अधिकारियों की कान पर जूं भी नही रेंग रही है.गौरतलब है कि कभी राज्य के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी इस इलाके से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए थे. लेकिन खुद पूर्व मुख्यमंत्री के क्षेत्र के अन्नदाता पास से गुज़र रही नदी पर मात्र एक बांध के लिए जल सत्याग्रह करने को मजबूर हैं.
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