बाढ़-सुखाड़ से विकास पर असर, 3 सालों में राहत पर 6 हजार करोड़ खर्च : सुशील मोदी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बाढ़ और सुखा की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहा है. बाढ़ और सुखा पर हजारों करोड़ रुपये खर्च हो रहा है. इसी को सबसे बड़ा आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र से बिहार के लिए विशेष दर्जा की मांग करते रहे हैं. अब बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मान रहे हैं कि बाढ़ और सुखा की वजह से बिहार का विकास प्रभावित हो रहा है. सुशील मोदी ने कहा है कि 3 सालों में बाढ़ और सुखा राहत मद में 6 हजार करोड़ रू खर्च हुए हैं.
संवाद’ में आयोजित ‘जलवायु परिवर्तन के अनुकूल कृषि’ कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल जुलाई में औसत से 20 प्रतिशत अधिक, अगस्त में 51 प्रतिशत कम और सितम्बर में 82 फीसदी अधिक बारिश होने के कारण बिहार में कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हुई.उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन का विकास पर सीधा असर पड़ रहा है. पिछले तीन वर्षों 2017-19 में 5,962.64 करोड़ रुपये अनुग्रह राशि व फसल क्षति अनुदान के तौर पर खर्च करना पड़ा है. अगर जलवायु परिवर्तन के असर से बाढ़-सुखाड़ की स्थिति नहीं होती तो इतनी बड़ी राशि विकास के अन्य कार्यों पर खर्च होती.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस साल दो बार आई बाढ़ से प्रभावित कुल 31 लाख परिवारों को 6-6 हजार की दर से 1,912 करोड़ अनुग्रह राशि तथा कुल 3,96,140 हेक्टेयर में फसल क्षति अनुदान के तौर पर 507.89 करोड़ का भुगतान किया जा रहा है.2017 में आई अचानक बाढ़ के बाद 38 लाख परिवारों को अनुग्रह राशि मद में 6-6 हजार की दर से 2358.24 करोड़ का भुगतान किया गया था. अल्पवर्षा के कारण पिछले तीन वर्षों में उत्पन्न सूखे के कारण किसानों को 1,184.51 करोड़ रुपये फसल क्षति अनुदान के रूप में दिया गया है. इस साल जहां अल्पवर्षा के कारण 3.79 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी नहीं हो पाई वहीं 2018 में अल्पवर्षा के कारण प्रदेश के 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ा था.जाहिर है बिहार को विशेष सहायता की दरकार है.एक तरह से उप-मुख्यमंत्री ने नीतीश कुमार की विशेष राज्य की दर्जा की मांग का समर्थन कर दिया है.
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