सिटी पोस्ट लाइव :लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने सुशांत सिंह राजपूत मामले (Sushant Singh Rajput Case) को लेकर नीतीश कुमार पर एकबार फिर से निशाना साधा है. एलजेपी अध्यक्ष ने इस मामले में देर हुई है. बिहार पुलिस को इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए बहुत पहले ही एफआईआर दर्ज करना चाहिए था. इतनी बड़ी घटना घटी है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस विषय पर खामोश हैं, यह भी निराशा का विषय है. निराशा मुझे इस बात पर नहीं है कि सिर्फ इस विषय पर वो शांत हैं, बल्कि कहीं न कही यह युवा बिहारियों को भी संदेश देता है जो आज की तारीख में दूसरे प्रदेश में रहते हैं.
इतने बड़े नाम के साथ अगर ऐसी घटना घटती है और मुख्यमंत्री खामोश रहते हैं तो अविश्वास का माहौल युवा बिहारियों मन में पैदा होता है. बिहार के युवाओं को संदेह हो रहा है कि अगर उनके साथ भी इस तरह की घटना होती है तो बिहार के मुख्यमंत्री का संरक्षण उन्हें नहीं मिलेगा. इससे अविश्वास पैदा होता है.
चिराग ने कहा कि सुशांत के परिवार वालों के एफआईआर के बाद नया पहलू सामने आया है. क्योंकि अभी तक नेपोटिज्म, ग्रुपिज्म और नेक्सस की बात हो रही थी. हर पहलू की जांच होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि कई एजेंसियों की जांच से अच्छा है कि सीबीआई से जांच हो. मुंबई पुलिस मामले की जांच पिछले 40 दिनों से कर रही है और पटना पुलिस भी अब जांच कर रही है. ऐसे में कई एजेंसियों की जांच से अच्छा है कि केंद्रीय एजेंसी यानी सीबीआई जांच करे, और यह मांग बड़ी आबादी की भी है.
चिराग पासवान खुद भी बॉलीवुड में काम कर चुके हैं. अपने अनुभव के बारे में उन्होंने बताया कि निजी तौर पर उन्हें ग्रुपिज्म का अनुभव नहीं रहा. लेकिन गाहे-बगाहे जानकारों से और दोस्तों से जो जानकारी मिलती थी वो यह कि एक ग्रुप है जो बाहर के लोगों को आने से बाधित करता है.सीबीआई जांच (CBI Investigation) की अपनी मांग एकबार फिर से दुहराते हुए चिराग पासवान ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के CM से भी बात की है.
चिराग पासवान ने कहा कि एक पिता से बेहतर अपने बेटे के मानसिक हालात को कोई नहीं जान सकता. उनके पिता के.के सिंह ने कहा कि 2013-14 से पहले सुशांत (Sushant Singh Rajput) पर कोई मानसिक दबाव नहीं था और वो सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे थे. लेकिन क्या कारण था कि वो अचानक मानसिक तौर पर दबाव में आ गए. किस मजबूरी में उन्होंने यह कदम उठाया, क्या कोई षडयंत्र है. यह जांच का विषय है. इसलिए सभी विषय की जांच होनी चाहिए.
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