नोबेल प्राइज के लिए नीतीश कुमार को नोमिनेट करने की उठी मांग
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Bihar Legislature) के अंतिम दिन विधान परिषद (Legislative Assembly) में जल जीवन हरियाली पर विशेष चर्चा हुई. इस चर्चा के दौरान जेडीयू के विधान पार्षद खालिद अनवर ने (Khalid Anwar) जल जीवन हरियाली और जलवायु परिवर्तन पर, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के काम की तारीफ करते हुए कहा कि इसके लिए उन्हें नोबेल प्राइज (Nobel prize) के लिए नामित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब यूनाइटेड नेशन के वाइस प्रेसिडेंट अल्बर्ट गोरे जूनियर को काम के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है तो नीतीश कुमार को क्यों नहीं मिल सकता? उन्होंने इसके लिए परिषद को पहल करने का सुझाव दिया.
खालिद अनवर के इस बयान का समर्थन जेडीयू के ही एक और एमएलसी दिलीप चौधरी ने भी किया. उन्होंने तो विधान परिषद में एक प्रस्ताव पारित कर नाम भेजने की सिफारिश तक कर डाली. दिलीप चौधरी ने कहा कि पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है.उन्होंने कहा कि बिहार में जलवायु परिवर्तन को लेकर नीतीश कुमार ने बिहार में जल जीवन हरियाली जैसे कार्यक्रम को लाकर जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. देश में बिहार पहला ऐसा राज्य है जिस ने 13 जुलाई 2019 को बिहार मंडल के सभी नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की थी. इसलिए नीतीश कुमार का नाम निश्चित तौर पर नोबेल प्राइज के लिए नामित किया जाना चाहिए.
लेकिन स्थिति तब गंभीर हो गई जब नीतीश सरकार को बीजेपी के ही एमएलसी ने नसीहत दे डाली है. बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने विधानपरिषद में जल-जीवन हरियाली की बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार को सबसे पहले मैं शब्द को त्यागना होगा. आपसे पहले देश के 12 राज्य जल-जीवन-हरियाली पर काम कर रहे हैं. आप यह नहीं कह सकते कि हमने ही इसपर सबसे पहले काम किया है .बीजेपी एमएलसी संजय पासवान ने ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार को सलाह दी कि आप लोग ME से बाहर निकलिए. यह प्रयास होना चाहिए कि हमलोग कैसे उन 12 राज्यों से आगे निकलें. क्योंकि आपसे पहले 12 राज्य इस पर काम कर रहे हैं.
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