हम 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, देश हिटलरशाही के खिलाफ है : दीपंकर भट्टाचार्य
सिटी पोस्ट लाइव : लोकसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में पार्टियों के बीच सीट बंटवारे का विवाद दिन व दिन उलझता ही जा रहा है। महागठबंधन में घटक दलों के बड़े नेताओं ने बड़े-बड़े बयानों राजनीतिक सरगर्मी और भी तेज कर दी है। सीपीआई माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बिहार के आरा में एक और बयान देकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है। एक कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन टूटे तो टूटे हम 6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। महागठबंधन में पार्टियों का गठबंधन टूटे तो टूटे जमीनी स्तर पर जनता के साथ हमारा गंठबंधन बना हुआ है। बिहार में हमारी 6 सीटों पर तैयारी चल रही है। हम 6 सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगे।
बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार के लड़ने को लेकर लगाए जा रहे कयास पर दीपंकर भट्टाचार्य ने चुप्पी साधते हुए कहा कि कन्हैया सीपीआई के हैं। इसपर सीपीआई ही जवाब दे सकती है। लेकिन मालूम हो कि दीपंकर बेगूसराय सहित 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कर रहे हैं। जनता का मुद्दा ही माले का मुद्दा है। संविधान से बड़ा कोई घोषणा पत्र नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया पर चलाये जा रहे “मैं भी चौकीदार” कम्पैन पर दो सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि पहला सवाल उठता है कि अगर वो चौकीदार है तो देश में पुलवामा कैसे हो गया। विजय माल्या और नीरव मोदी देश लूट कर विदेश कैसे भाग गए। वहीं दूसरा सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मोदी ने सारे नेता और मंत्री चौकीदार है तो क्या वे उतना वेतन लेंगे जितना कि चौकीदार को मिलता है या क्या वे अपना वेतन देश के चौकीदारों को दे सकते हैं।
आज सम्पूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर दीपंकर भट्टाचार्य ने आगे कहा कि बिहार में एक तगड़ा विपक्ष बनना चाहिए जिसमें माले और वामपंथ के साथ सम्मानजनक तालमेल का गठबंधन करना होगा। किसी भी किसान, बेरोजगार नौजवान छात्रों या महिलाओं से पूछा जा सकता है कि वो लोग चाहते हैं कि देश में हिटलरशाही को हटा कर संविधान और लोकतंत्र को बचाना है। बता दें कि वामपंथी पार्टी 6 सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है मगर हर हाल में आरा, सिवान और जहानाबाद सीट पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसीलिए उन्होंने खुले मंच से आरा लोकसभा सीट से राजू यादव को माले का उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
आरा से अजय दीप चौहान की रिपोर्ट
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